Cyber Crimes: नोएडा जिला साइबर जालसाजों पर शिकंजा भी कम हो गया है जब से नोएडा के साइबर क्राइम थाने में सिर्फ जनपद के मुकदमे दर्ज होने लगे हैं। पहले नोएडा साइबर थाने में छह राज्यों के बड़े मुकदमें दर्ज किए गए थे। 2024 के पहले चार महीने में 25 बड़े साइबर क्राइम के मुकदमें दर्ज हुए हैं, लेकिन पुलिस ने केवल चार मामलों में नेतृत्व किया है। अन्य मामलों में साइबर जालसाजों को पता नहीं चला है। यानी पुलिस ने चार महीने में केवल आठ प्रतिशत मामलों में सुधार किया है।
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सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में पांच लाख से अधिक के फ्रॉड के मुकदमें दर्ज हैं। यहां पहले छह जिलों में बड़े साइबर क्राइम के मुकदमें दर्ज किए गए थे। जनवरी 2024 से 30 अप्रैल तक इस थाने में 25 साइबर क्राइम के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें जॉब फ्रॉड से लेकर शेयर मार्केट में निवेश तक शामिल हैं। इन 25 मामलों में से दो में आरोपियों ने कोर्ट से छुट्टी ले ली है और दो में पुलिस जालसाजों के संपर्क में है।
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साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक उमेश नैथानी ने कहा कि पुलिस हर एफआईआर को जांच रही है और कई मामलों में पुलिस जालसाजों के साथ है। साइबर थाने में अधिकांश शिकायतों में मोबाइल नंबर, ईमेल और सोशल साइट का पता लगाया जाता है। इसके लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों से लेकर टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क किया गया है। साइबर ठगी के पैटर्न निरंतर बदलते रहते हैं, जो साइबर जालसाजों द्वारा अपनाए जाते हैं। वर्तमान में शेयर में निवेश करने के नाम पर सबसे अधिक ठगी की घटनाएं हो रही हैं। इस तरह के ठगी के कई मामले पांच लाख से लेकर एक करोड़ से अधिक हैं। इसके साथ ही वर्क फ्रॉम होम, नौकरी, क्रिप्टो करेंसी में निवेश और अन्य प्रकार की साइबर जालसाजी की घटनाएं सामने आ रही हैं।