Nawab of junagadh- कहते हैं ‘शौक बड़ी चीज होती है.’ इस शौक के लिए लोग न जाने क्या कुछ नहीं कर जाते. हालांकि आज के दौर में लोग उतने शौकीन नहीं हैं जितने पहले के राजा-महाराजा या नवाब हुआ करते थे.भारत के राजा ,महाराजा और नवाबों की जीवनशैली हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं जो अपने अजीबोगरीब शौक के लिए पूरी दुनिया में मशहूर थे . इन लोगो के शौक और और उसके लिए खर्च किए जाने वाले पैसों के बारे में जानकर ऐसा कोई भी नहीं होगा, जो दंग न रह जाए। आपको बता दे कि जूनागढ़ के नवाब महाबत खान जिन्हे कुत्तो से खास लगाव था।
आलीशान महल में रहते थे कुत्ते
नवाब महाबत खान ने तकरीबन 1000 कुत्ते पाल रखे थे। इतना ही नहीं इन सभी कुत्तों के लिए अलग-अलग कमरे, नौकर और उनमें टेलीफ़ोन और बिजली की सुविधा के साथ-साथ नौकर-चाकर भी रहते थे. हर कमरे में एसी जैसी सुविधा भी थी.अगर किसी कुत्ते की जान चली जाती तो उसको तमाम रस्मों-रिवाज के साथ कब्रिस्तान में दफनाया जाता और शव यात्रा के साथ शोक संगीत बजता। हालांकि नवाब महाबत खान को इन सभी कुत्तों में सबसे ज्यादा लगाव एक फीमेल डॉग से था, जिसका नाम रोशना था।
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‘बाकी’ और ‘रोशना’ की शादी
नवाब का सबसे पसंदीदा कुत्ता ”बाकी” नाम का एक लैब्राडोर था. उन्होंने इस कुत्ते की शादी अपनी लाडली कुतिया ‘रोशना’ की शादी इतनी धूमधाम से की थी कि उसमें भारत के सभी राजे-महाराजाओं और बड़े-बड़े प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित किया गया था. विशिष्ठ अतिथियों में वायसराय का नाम भी शामिल. बाद में जब वायसराय माउंटबेटन ने आने से मना कर दिया तो नवाब बहुत खीझ गये थे.डोमिनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स लिखते हैं कि उस शादी में डेढ़ लाख मेहमान आए थे.
इतना ही नही आगे-आगे नवाब साहब के बॉडीगार्डों का रिसाला और उनके सजे-धजे हाथी चल रहे थे. शादी के जुलूस के बाद नवाब साहब ने वर-वधू के सम्मान में बहुत शानदार प्रीतिभोज का आयोजन किया था, जिसके बाद नव-विवाहित जोड़े को उनके बहुत ही सुंदर नये घर में पहुंचा दिया गया था. इस पूरे समारोह में नवाब साहब ने नौ लाख रुपये खर्च किये थे, जिससे उनकी 6,20,000 की प्रजा में से 12,000 लोगों की वर्ष-भर की संपूर्ण बुनियादी जरूरतें पूरी की जा सकती थीं.