(प्रदीप कुमार )-मेघालय के मुख्य मंत्री, कॉनराड के. संगमा; राज्य सभा के उप सभापति, हरिवंश; मेघालय विधान सभा के अध्यक्ष, थॉमस ए संगमा; अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और सीपीए इंडिया रीजन ज़ोन – III के चेयरमैन, पसांग डी सोना; संसद सदस्य; मेघालय विधान सभा के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए ।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ओम बिरला ने सम्मेलन के आयोजन के लिए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत क्षेत्र जोन III और विशेष रूप से मेघालय विधान सभा को बधाई दी। उन्होंने उत्तर पूर्व क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक उपयोगी मंच उपलब्ध कराने के लिए अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और सीपीए इंडिया रीजन जोन-III के अध्यक्ष, पसांग डी. सोना का आभार व्यक्त किया। बिरला ने लोक सभा के पूर्व अध्यक्ष और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री, पी ए संगमा का स्मरण करते हुए मेघालय के विकास और भारत के संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि सीपीए इंडिया क्षेत्र का जोन-III सभी चार जोनों में सबसे अधिक सक्रिय है, बिरला ने हर्ष व्यक्त किया कि अब तक आयोजित किए गए 20 वार्षिक सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र के मूल्यों और आदर्शों के प्रति इस जोन की प्रतिबद्धता को दर्शाते है। उत्तर पूर्व क्षेत्र की विधान सभाओं के बारे में ओम बिरला ने कहा कि इन सभाओं की बैठक में बिना व्यवधान के सार्थक और गंभीर चर्चाएं होती हैं। इस चर्चा और संवाद का सार्थक निष्कर्ष भी होता है जो इस क्षेत्र और देश के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
सम्मेलन के विषय पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि ‘प्राकृतिक आपदाएँ और उत्तर पूर्व क्षेत्र के विशेष संदर्भ में इन आपदाओं के प्रबंधन के लिए रणनीतियाँ’; और ‘उत्तर पूर्व क्षेत्र को मुख्य भूमि भारत के बराबर लाने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी’ जैसे विषय प्रासांगिक और समसामयिक हैं। उत्तर पूर्व में जैव विविधता हैं और यहाँ होने वाले किसी भी पारिस्थितिकीय असंतुलन का पूरे भारत की पर्यावरणीय स्थिति पर दूरगामी प्रभाव हो सकता हैं। इसलिए ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की बेहतर तैयारी करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बार पर जोर दिया कि आपदा से निपटने के लिए आवश्यक है कि ऐसी नीतियाँ तैयार की जाएं जिसमें पर्यावरण संबंधी नुकसान को रोका जा सके।
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आपदा प्रबंधन के लिए नीति निर्माण के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के 10-सूत्रीय एजेंडा पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसमें स्थानीय क्षमताओं के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। बिरला ने कहा कि भारतीय विकास मॉडल सस्टेनेबिलिटी पर आधारित है और समय के साथ, प्रौद्योगिकी के उपयोग और मानव संसाधनों के इष्टतम उपयोग के साथ, हमने आपदा तैयारी और प्रबंधन को मजबूत किया है।
राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश ने क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर संवाद बनाए रखने की पहल करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के पीठासीन अधिकारियों की सराहना की।कार्यक्रम में मेघालय के मुख्य मंत्री, कॉनराड के.संगमा ने कहा कि सीपीए समय के साथ विकसित हुआ है और साझा प्रतिबद्धता के साथ सभी सदस्यों को एक साथ लाने के लिए एक प्रभावी मंच साबित हुआ है।रविवार, 30 जुलाई, 2023 को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला गुवाहाटी में असम विधान सभा के नए भवन का उद्घाटन करेंगे
असम के मुख्य मंत्री, हेमंत बिस्वा सरमा; केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल; असम विधान सभा के अध्यक्ष,बिस्वजीत दैमारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे।