Patanjali: जम्मू कश्मीर के डॉ. बाबू केवी की लगातार कोशिशों की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि पर बड़ी कार्रवाई की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि डॉ. बाबू ने मंगलवार 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का स्वागत किया है जिसमें रामदेव और कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण की माफी को जुबानी दिखावा कहकर उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
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डॉ. बाबू केवी ने कहा कि 2022 फरवरी से मैं उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण, केंद्रीय आयुष्मान योजना और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण सहित कई जगह शिकायत कर रहा था लेकिन वे इस मुद्दे पर चुप बैठे रहे। केंद्रीय आयुष्मान योजना के बार-बार निर्देश के बाद भी पतंजलि ने (विज्ञापन) जारी रखा। शीर्ष अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को हलफनामा दाखिल करने के लिए आखिरी एक सप्ताह का मौका दिया था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
डॉ. बाबू केवी ने कहा…
पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ आरटीआई अभियान शुरू करने वाले आईएमए के डॉ. बाबू केवी ने कहा कि फरवरी 2022 के बाद से, मैं उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण, केंद्रीय आयुष्मान योजना और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण सहित विभिन्न अधिकारियों से शिकायत कर रहा था, लेकिन वे इस मुद्दे को खींच रहे थे और बैठे हुए थे।
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दरअसल, केंद्रीय आयुष्मान योजना और उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी के बार-बार निर्देश के बाद भी पतंजलि को यह शिकायत नहीं थी कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम जिसके तहत 54 समूहों की दवाओं का विज्ञापन प्रतिबंधित है। नवंबर और फिर फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी, उन्हें एफआईआर दर्ज करने की भी परवाह नहीं है। मैं आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का स्वागत करता हूं, मैं बहुत खुश हूं।