PCOS: महिलाओं में पालिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक आम समस्या है, जिसमें हार्मोंन्स का असंतुलन शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। पीसीओएस (PCOS) से पीड़ित कई महिलाओं में भी तनाव और डिप्रेशन के लक्षण पाए जाते हैं। पीसीओएस एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से महिलाओं में मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और तनाव जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इस समस्या का परिणाम है कि मेल हार्मोन एंड्रोजन की मात्रा अधिक होती है और प्रोजेस्ट्रॉन की मात्रा कम होती है। इससे उनकी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होती हैं।
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PCOS के लक्षण
जैसे- PCOS से पीड़ित महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी होती है। ऐसे में औरतें स्ट्रेस और एंग्जाइटी का शिकार हो जाती हैं और दूसरों से कम महसूस करने लगती हैं। PCOS से पीड़ित महिलाओं को लो फील होने लगता है क्योंकि उनमें सेरोटोनिन, एक हैप्पी हार्मोन, की मात्रा कम होती है। PCOS महिलाओं में कई तरह के शारीरिक बदलाव भी होते हैं, जो मोटापा और चेहरे पर मुंहासे जैसे लक्षणों को जन्म देते हैं। इन सब कारणों से महिलाएं तनाव में रहने लगती हैं और अंततः मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाती हैं। PCOS से पीड़ित महिलाएं अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पाती, जिससे वे डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। यहीं कारण यह है कि उनकी सोच बहुत अधिक नकारात्मक हो जाती है और वे अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पाती हैं।
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PCOS से बचने के उपाय
PCOS से होने वाले तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और मानसिक क्रियाएं करें। ऐसा करने से आपको शांति मिलेगी। रोजाना व्यायाम, स्वस्थ भोजन और पर्याप्त नींद लें। इससे आपका मनोबल भी सुधरेगा और मानसिक बीमारियां भी नहीं होंगी। पीसीओएस की वजह से डिप्रेशन को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें क्योंकि इसके गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए एक अनुभवी मनोचिकित्सक को दिखाएं।