Health: इस बदलते मौसम में अगर आपके गले में भी दर्द और खराश की समस्या है तो इसे अनदेखा न करें क्योंकि ये शरीर में डिप्थीरिया होने का संकेत हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों में इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डिप्थीरिया को गलघोटू भी कहा जाता है। इस बीमारी में हल्का बुखार भी होता है, जिससे गले में दर्द और खराश होता है। डिप्थीरिया के मरीज को सांस लेने में परेशानी, गर्दन में सूजन और लगातार खांसी आने की समस्या भी हो सकती है। यह बीमारी गंभीर रूप से स्किन को नीला कर सकती है। इसलिए आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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डॉक्टरों का कहना है कि डिप्थीरिया बीमारी बैक्टीरिया से होती है। हवा में यह बैक्टीरिया मौजूद होती हैं। ये बैक्टीरिया हवा के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं, और गले में संक्रमण पैदा करते हैं। इस इंफेक्शन से सांस की नली में झिल्ली बन जाती है, जिसकी वजह से इससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है। धीरे-धीरे झिल्ली से संक्रमण खून के माध्यम से दिल और दिमाग में चला जाता है। ये संक्रमण दिल और दिमाग को खराब कर सकते हैं। ऐसे में बुखार और गले में दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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डिप्थीरिया एक घातक रोग है। ऐसे में ये बीमारियां कैसे फैलती हैं और उनका उपचार क्या है, दोनों जानना बेहद महत्वपूर्ण हैं। डॉक्टर्स के अमुसार डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है जो आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। रोगियों के खांसने और छींकने से डिप्थीरिया होता है। हालाँकि, इस बीमारी का इलाज और वैक्सीन है। डिप्थीरिया के अधिकांश मामले बच्चों में होते हैं, इस बीमारी का रिस्क कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों में अधिक होता है। डिप्थीरिया के इलाज में शिशुओं और बच्चों को बचपन में ही इसकी वैक्सीन लगानी चाहिए।
साथ ही इसके बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूर रहने की आवश्यकता है, भीड़ वाली जगहों से दूरी बनाना चाहिए, इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए हरी सब्जियां खानी चाहिए, ठंडी जगहों के संपर्क में न आने से बच्चों को रोकना चाहिए साथ ही बच्चों को इसका टीका लगवाना चाहिए।