(करण जयसिंह): गुरुग्राम के भोंडसी पुलिस थाना की पुलिस पीसीआर को एक झगड़े की सूचना पर जाना उस समय भारी पड़ गया जिस समय करीब आधा दर्जन आरोपियो ने पीसीआर पर लाठी डंडे व ईंट पत्थर बरसा कर गाड़ी को ही क्षतिग्रस्त नही किया बल्कि पीसीआर गाड़ी पर तैनात पीसीआर इंचार्ज सहित तीन पुलिस कर्मचारीयो को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिनको उपचार के लिए गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
दरअसल भोंडसी थाना इलाके में गश्त कर रही पुलिस पीसीआर को रिठौज गांव के समीप बने जीवन अस्पताल से सूचना मिली थी कि अस्पताल में कुछ लोग दवाइयों के पैसे मागने पर झगड़ा कर रहे है। जिन्होंने अस्पताल के एक कर्मचारी को डंडा मार कर उसके हाथ फेक्चर कर दिया है व बाकी अस्पताल कर्मियों के साथ गाली गलोच कर रहे है। जिस सूचना के बाद जैसे ही पीसीआर वहां पर पहुँची वैसे ही पहले से अस्पताल स्टाफ के साथ झगड़ा कर रहे लोगो ने पुलिस पीसीआर पर लाठी डंडे व ईट पत्थरो से हमला बोल दिया जिससे गाड़ी के अंदर बैठे तीन कर्मचारीयो लहू लुहान कर दिया जिनमे से एक कर्मचारी की हालत गंभीर बताई जा रही है,जिनको आनन फानन में गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है,जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस की पीसीआर वैन को जिसके ऊपर लाठी डंडे बरसा कर एसे पूरी तरह से तोड़ दिया गया है इतना ही नही गाड़ी खून से सनी हुई दिखाई दी। जो खून किसी ओर का नही बल्कि उन पुलिस कर्मचारियो का ही है जो पीसीआर के अंदर गस्त कर रहे थे और झगड़े की सूचना पर मौके पर पहुचे थे। गाड़ी के ऊपर एक युवक लाठी बरसाता हुआ भी दिखाई दिया। हालांकि इस मामले में भौंडसी थाना में दो नामजद आरोपियो सहित अन्य कई अज्ञात आरोपियो के खिलाफ हत्या का प्रयास सहित विभीन्न आपराधिक धाराओ के तहत दो अलग अलग मुकदमें दर्ज किए गए है। पुलिस ने एक मुकदमा अस्पताल संचालक की शिकायत पर दर्ज किया है तो वही दूसरा मुकदमा पीसीआर वैन पर तैनात घायल पुलिस कर्मी के बयान पर दर्ज किया है। लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नही हो सकी है।
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भोंडसी पुलिस थाना के गांव रिठौज में पुलिस पार्टी पर हमला करने व पीसीआर वैन को तोड़ने वाले आरोपियो को ना तो पुलिस का ख़ौफ है और ना ही कानून का डर ऐसे में जरूरत इस तरह के अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्यवाही करके उन्हें सलाखों के पीछे पहुचाने की ताकि आगे से कोई आरोपी इस तरह का अपराध करने की हिम्मत ना जुटा सके। लेकिन देखना इस बात का होगा कि पुलिस आरोपियो को कब तक गिरफ़्तार करती है।