दिल्ली में बढ़ी सियासी हलचल, विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव लाएंगे केजरीवाल

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(देवेश कुमार): राजधानी दिल्ली में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। और इस गरमाई सियासत के बीच दिल्ली विधानसभा सत्र की कार्यवाही चल रही है तो वही नई आबकारी नीति पर सीबीआई जांच लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने-सामने हैं। जहां बीजेपी इस नीति में कई खामियां और घोटाले के आरोप लगा रही है। तो वहीं आम आदमी पार्टी इसे बेहतरीन पॉलिसी बता रही है। हालांकि इस सियासी घटनाक्रम के बीच दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था। जिसमें आम आदमी पार्टी की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि दिल्ली के डिप्टी सीएम और कई विधायकों को बीजेपी ने तोड़ने की कोशिश की 20,20 करोड़ के ऑफर दिए इसी दौरान सदन में जमकर हंगामा भी हुआ और आम आदमी पार्टी के सत्ताधारी विधायकों ने 20,20 करोड़ के खोका के नारे लगाए हालांकि सत्र को 1 दिन और आगे बढ़ा दिया।

अब आम आदमी पार्टी के बीजेपी पर खरीद फरोख्त आरोप की राजनीती के बीच सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान केजरीवाल सरकार विश्वास मत प्रस्ताव लेकर आएगी। हालाकि अक्सर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आता था लेकिन अब सरकार गिराने की कोशिशों का आरोप लगाने के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ताकत दिखाने के लिए सदन में विश्वास मत प्रस्ताव लाएंगे। शुक्रवार को सदन में सीबीआई रेड, दिल्ली सरकार के अस्थिर करने को लेकर आए संकल्प प्रस्ताव की चर्चा के दौरान यह प्रस्ताव रखा गया था। अब सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सदन में यह विश्वास मत प्रस्ताव रखेंगे। बता दें कि विधानसभा सत्र से पहले आप विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई थी। जिसमें सभी विधायक शामिल हुए हालांकि कुछ विधायक दिल्ली से बाहर होने के चलते शामिल नहीं हो पाए थे लेकिन वह सभी आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की टच में थे।

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ऐसे में केजरीवाल सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव लाना अपनी ताकत और एकजुटता दिखना है दिल्ली में 70 विधायकों में से 62 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं जबकि विपक्षी बीजेपी के पास मात्र 8 विधायक हैं ऐसे में सरकार द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान विश्वास मत प्रस्ताव लाना अपनी ताकत को दिखाना ही माना जाएगा। हालाकि इस विश्वास मत प्रस्ताव आने के बाद तकनीकी रूप से अब अगले छह महीने तक सदन में अविश्वास प्रस्ताव मत नहीं लाया जा सकता है। अगर विपक्ष चाहे तो भी अविश्वास मत प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। तकनीकी रूप से सरकार अगले छह महीने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होगी। गौरतलब है कि सोमवार को बुलाए गए सत्र में जमकर हंगामे के आसार है जहां विपक्ष नई आबकारी नीति को लेकर सरकार को घेरेगा तो वही सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार विधानसभा सत्र में विश्वास मत प्रस्ताव लाकर अपनी ताकत और एकजुटता जनता और विपक्ष को दिखाएगी।

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