Crime News: किडनी कांड के मास्टर माइंड को पकड़ने का कोई प्रयास सफल नहीं हुआ। पुलिस को अंदेशा था कि मुख्य आरोपी विदेश भाग सकता है, इसलिए उसने पहले उसका आधार कार्ड, जन्म तिथि, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट डिटेल जुटाकर पासपोर्ट की जानकारी ली। हालांकि, पासपोर्ट नहीं होने से पुलिस और उलझ गई है।
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पुलिस की जांच में पता चला कि जयपुर में मुर्तुजा अंसारी बांग्लादेशियों से मिला था। मुतुर्जा ने बांग्लादेश के एक युवा के माध्यम से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों से संपर्क बनाया। वह भारत आए थे और अस्पताल प्रबंधन के समन्वयक से बातचीत की। जिन पांच बांग्लादेशियों को सदर थाना पुलिस ने किडनी प्रत्यारोपण के मामले में गिरफ्तार किया था, उनमें से एक युवक की हालत गंभीर है। उसकी दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं। वह फिलहाल सफदरजंग अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
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जयपुर पुलिस ने चार अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को मध्य जेल भोंडसी में ट्रांजिट रिमांड पर लिया है। बुधवार को उन्होंने जयपुर की अदालत में पेश होकर दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया। जयपुर पुलिस यह पता लगाने में लगी है कि वह बांग्लादेश से कैसे आए। उनके इलाज के बीच कौन-सा संबंध है? कितने रुपये किसे दिए गए? जयपुर पुलिस शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरो से गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लेगी। पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ करेगी। एसीबी ने गौरव सिंह, फोर्टिस जयपुर के समन्वयक विनोद सिंह, गिरराज शर्मा और एक अन्य अस्पताल के समन्वयक अनिल जोशी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पासपोर्ट विभाग ने बताया कि मुर्तुजा अंसारी के आधार कार्ड और जन्म तिथि के आधार पर कोई पासपोर्ट नहीं बनाया गया है। पासपोर्ट कार्यालय ने इस बारे में पत्र भेजा है।