Pollution in Noida: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में प्रदूषण को कम करने के लिए सेक्टर 100 की लोटस बुलवर्ड सोसाइटी ने पानी से आर्टिफिशियल रेन की।बुधवार सुबह करीब दो बजे कर्मचारी सोसाइटी के अपार्टमेंट ब्लॉक की छत पर चढ़ गए और पाइपों से पानी छिड़कना शुरू कर दिया।ये पूरी तरह से “आर्टिफिशियल रेन” नहीं थी, बल्कि पानी से फॉगिंग की गई थी। ताकि हवा में मौजूद कण और धूल को कम किया जा सके।
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जानें आर्टिफिशियल रेन के बारें में – आर्टिफिशियल रेन” को क्लाउड सीडिंग के रूप में जाना जाता है। इस प्रक्रिया में सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस को रॉकेट या हवाई जहाज के जरिए बादलों पर छोड़ा जाता है। जहां बारिश करानी होती है, वहां पर हवाई जहाज से हवा की उल्टी दिशा में छिड़काव किया जाता है। बादल हवा से नमी सोखते हैं और इससे बारिश की बूंदें बनने लगती हैं।
मौसम वैज्ञानिक ने दिया ये तर्क- कहां और किस बादल पर इसे छिड़कने से बारिश की संभावना ज्यादा होगी, इसका फैसला मौसम वैज्ञानिक करते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों को कहना है कि इस तरह की बारिश का असर साफ मौसम, बादल, हवा की दिशा और तापमान पर निर्भर करता है।
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राहुल शर्मा, कार्यचारी, लोटस बुलेवार्ड अपार्टमेंट, नोएडा: सर ये दिपावली की वजह से जो प्रदूषण हुआ है उसको हम कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रयास कर रहे हैं और टेरेस पर रात को दो बजे मौजूद है तो कोशिश लगभग यही है कि प्रयास कर रहे हैं कि कंट्रोल कर रहे हैं कि कंट्रोल हो जाए।”
मोनू, कर्मचारी, लोटस बुलेवार्ड सोसाइटी, नोएडा – सवाल: ये रात के समय पानी का छिड़काव है टॉप फ्लॉर पर हैं किस लिए हो रहा है?जवाब: ये सर इसलिए हो रहा है ताकि कुछ दिन पर दीपावली का त्योहार था और जैसा कि दीपावली का प्रदूषण फैल गया था और उसमें तो उस प्रदूषण को कम करने के लिए हम ये फागिंग कर रहे हैं वाटर फागिंग कर रहे हैं।