नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की इस दौरान यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति पद पर अपनी मजबूत दावेदारी जताते हुए सत्ता पक्ष पर निशाना साधा। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन के बाद अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। नामांकन के बाद दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मीडिया से रूबरू यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि मैं विपक्ष की चौथी पसंद हूं,इससे मुझे कोई दिक्कत नहीं है अगर मैं 10वां भी होता तो भी स्वीकार करता। यह एक बहुत बड़ी लड़ाई है, जिसमें मेरा छोटा सा भी योगदान जरुरी हो तो मैं तत्पर रहूंगा।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव का मुकाबला ये दो व्यक्तियों की लड़ाई नहीं है। राष्ट्रपति भवन में वही व्यक्ति जाए जो इस पद की जिम्मेदारी को निभा सके।अगर कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर बैठा जो सरकार के कब्जे में हो, तो इस पद का कोई फायदा नहीं बचेगा। यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि राष्ट्रपति केवल रबर स्टाम्प बन कर ना रह जाए। इस दौरान यशवंत सिन्हा ने पार्लियामेंट को पंगु बताते हुए कहा कि जब मैं संसद में था, विपक्ष में होते हुए भी वित्त मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी में था।इस दौरान प्रणब दा, चिदंबरम जी विपक्ष से चर्चा करते थे जबकि गुजरात के डेलिगेशन ने GST का विरोध किया गया था।इस दौरान पीएम मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे।आज पार्लियामेंट को पंगु कर दिया गया है।
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वहीं, सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि नई बिल्डिंग बनाने से पार्लियामेंट में नई जान नहीं आएगी, उसकी गरिमा नहीं बढ़ेगी। इसके लिए संस्थाओ को मजबूत करना होगा तभी संसदीय परंपराए भी मजबूत होगी। इस दौरान यशवंत सिन्हा ने’नोटबंदी को सबसे बड़ा स्कैम’ बताया और कहा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि हम ही जीतेंगे, क्यों हम सच के साथ हैं। हम किसी ग़लत कदम का सहारा नहीं ले रहे हैं। नोटबंदी पर बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि 2016 में नोटबंदी हुई, आज कहीं चर्चा होती है? आज तो आरबीआई ने डाटा देना ही बंद कर दिया है। मुझे जानकारी नहीं है कितना कालाधन वापस आ गया है। यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी को सदी का सबसे बड़ा स्कैम भी बताया।
इस दौरान यशवंत सिन्हा ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर सत्तापक्ष के नेताओं से समर्थन मामले को लेकर भी जवाब दिया। यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से भी संपर्क साधा है लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी कोई जवाब नहीं मिला है ,वह बाकी सत्तापक्ष के नेताओं के साथ भी संपर्क करेंगे और अपने लिए समर्थन मांगेंगे। इस दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह खून के आखिरी कतरे तक यह लड़ाई लड़ेंगे क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव केवल दो व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं है बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों परंपराओं को बचाने की लड़ाई है वह इसे मजबूती से लड़ेंगे।राष्ट्रपति चुनाव का यह मुकाबला दूरगामी नतीजे देने वाला होगा।