पलवल। (रिपोर्ट- दिनेश कुमार) देश-प्रदेश में बॉक्सिंग में अपना लोहा मनवा चुकी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रियंका तेवतिया अब पलवल जिले में बॉक्सरों की फौज तैयार कर रही हैं। बॉक्सर प्रियंका अपनी प्रतिभा से खिलाड़ियों को सफलता की राह दिखा रही हैं। तीन बार नेशनल तथा छह बार राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल जीत चुकी प्रियंका ग्रामीण आंचल में बच्चों को बॉक्सिंग के लिए प्रेरित कर रही हैं। इन दिनों वह गांव में 30 लड़के-लड़कियों को बॉक्सिंग का प्रशिक्षण दे रही हैं।
पलवल के गांव जोधपुर निवासी बॉक्सर प्रियंका तीन बार नेशनल और छह बार राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। अब वे ग्रामीण आंचल में पलवल जिले के खिलाड़ियों की पौध तैयार कर रही हैं। वह गांव जोधपुर में अंडर-19 बच्चों को बॉक्सिंग का प्रशिक्षण देने में जुटी है उन्हें बॉक्सिंग के गुर बड़ी ही बारीकी से सीखा रहीं हैं। प्रतिदिन सुबह -शाम लड़के व लड़कियां को दो-दो घंटे बॉक्सिंग की कोचिंग देतीं हैं सुबह-सुबह बच्चों से दौड़ लगवाई जाती है बॉक्सिंग की बेसिक ट्रेनिंग दे रही हैं। प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को पूरी किट प्रियंका द्वारा उपलब्ध करवाई गई है।
इस बारे में बॉक्सर प्रियंका तेवतिया का कहना है की पलवल जिले में हरियाणा के दूसरे जिलों की तुलना में पलवल में खेलों में रूचि बहुत कम है बॉक्सिंग के प्रति यहां पर बिल्कुल रुझान नहीं है। यही कारण है कि पलवल में बॉक्सिंग में पदक जीतने वाले खिलाड़ी बहुत कम है इनमें लड़कियों की भागेदारी बेहद ही कम है। ग्रामीण आंचल में लड़कियों को आज भी खेलों के पर प्रशिक्षण के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती। पलवल में बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए कोई बेहतर अकादमी व कोच भी नहीं है, इसलिए यहां के खिलाड़ी केवल जिला स्तर तक की सीमित रह जाते हैं जिसे वो सुधरने में जुटी हैं।
प्रियंका ने हाल ही में बच्चों को बॉक्सिंग का प्रशिक्षण देना शुरू किया है। इसमें बच्चे भी काफी रुचि दिखा रहे हैं। मेरा सपना है कि पलवल में खिलाड़ी बॉक्सिंग आगे आए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मैडल जीतकर जिला का नाम रोशन करें. इसके लिए वो फिलहाल एक बॉक्सिंग अकेडमी खोलने पर विचार कर रही हैं ताकि खिलाडियों को बॉक्सिंग का एक प्रॉपर माहौल मिल सके और वो अपना दमखम दिखा सके।
बॉक्सिंग का प्रशिक्षण लेने आने वाले बच्चों का कहना है कि वो बॉक्सर बनकर मैडल जीतकर अपने माता-पिता व पलवल जिले का नाम रोशन करना चाहते हैं। उनका सपना है कि वो एक दिन देश के लिए भी मैडल जीतें।