क़तर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारी हुए रिहा, 7 लौटे भारत

 Qatar Indian Navy- जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया हैं.ये वही सैनिक है जिन्हें कतर की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन भारत की कूटनीतिक दखल के बाद कतर ने सजा को माफ कर दिया .और इन्हें रिहा कर दिया. 7 पूर्व भारतीय नौसैनी सोमवार सुबह भारत लौट आए.

आपको बता दे कि ये कतर में जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। पहले इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी।विदेश मंत्रालय ने सोमवार (12 फरवरी) को देर रात कहा- भारत सरकार कतर में गिरफ्तार किए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैंकतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को 8 पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था।

पीएम मोदी ने की थी कतर के शेख से मुलाकात
हाल ही में कतर की अदालत ने इन आठ पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई थी। कुछ दिनों के बाद सैनिकों की सजा को माफ कर दिया गया। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। ऐसे में भारत ने शुरू से ही इस मामले को लेकर कतर से बातचीत जारी रखी।

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खुद पीएम मोदी ने पिछले साल दिसंबर में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्द अल-थानी से दुबई में हुए सीओपी 28 सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी। इस मीटिंग में पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के मसले पर बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मीटिंग का जिक्र करते हुए ये बताया कि दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक अच्छी वार्ता हुई।

45 दिन पहले मौत की सजा को उम्रकैद में बदला था
ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया। गिरफ्तारी से करीब 14 महीने बाद, 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी।

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