नही भाया ऋचा और रोली का बयान, अखिलेश को रास आया स्वामी का साथ

Ramcharitmanas controversy ,नही भाया ऋचा और रोली का बयान, अखिलेश...

अमन पांडेय : रामचरितमानस पर बिहार से शुरु हुई घमासान यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे बढ़ाया तो सपा ने भी स्वामी की हां में हां मिलाया। रामचरितमानस की कुछ चौपाईयों को दलित और पिछड़ा विरोधी बताते हुए स्वामी प्रसाद लगातार मोर्चा खोले हुए है। वहीं स्वामी प्रसाद के बयान का विरोध करने वाली सपा नेता ऋचा सिंह और रोली तिवारी को गुरुवार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया सपा अपनी दोनों महिला नेता पर एक्शन लेकर स्वामी के साथ खुलकर खड़े होने का नहीं बल्कि अपनी सियासी लाइन भी साफ कर दी है।                      Ramcharitmanas controversy

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को हटाने की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए बकायदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को भी पत्र लिख कर कहा कि रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों में अपत्तिजनक अंश जिसमें समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर हमेशा अपमानित होना पड़ता है। इन चौपाइयों को संशोधित किया जाए। इस तरह स्वामी प्रसाद मौर्य मोर्चा खोले हुए हैं, जिसकी वजह से सपा के अंदर दो धड़े बन गए हैं। एक स्वामी प्रसाद के विरोध में है।

Read also: जाने कौन हैं नील मोहन जिन्हें बनाया गया जिन्हें बनाया गया YouTube का CEO !

अखिलेश यादव सूबे की सियासी नब्ज को पूरी समझ गए हैं कि ठाकुर समुदाय किसी भी कीमत पर योगी आदित्यनाथ को छोड़कर उनके साथ नहीं आएगा। ब्राह्मण और वैश्य समुदाय भी बीजेपी के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है। ऐसे में सवर्ण वोटों के बजाय बहुमत वोटों पर फोकस करने की उनकी रणनीति है। 2022 के चुनाव में बीजेपी और सपा के बीच आठ फीसदी वोटों का अंतर है। ऐसे में अखिलेश यादव बीजेपी के वोटबैंक से पांच से छह फीसदी वोट को हासिल करना चाहते हैं। इसलिए उनकी नजर अतिपिछड़े वोटों पर है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana TwitterTotal Tv App

Ramcharitmanas controversy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *