RBI MPC Meeting 2024 LIVE updates- RBI ने 2024 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी का एलान कर दिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने पॉलिसी दरों में किसी तरह के बदलाव न करने पर सहमति जताई है। यानी ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। आरबीआई ने रेपो रेट 6.50 प्रतिशत बरकार रखी है।RBI हर दो महीने में मॉनिटरी पॉलिसी पर तीन दिवसीय बैठक करता है। इसमें रेपो रेट के साथ कई और अहम फैसले लिये जाते हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास: अंतरिम बजट के मुताबिक सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चल रही है.आगे कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी वित्त वर्ष 2024-25 में जारी रहने की उम्मीद है.
विदेशी मुद्रा भंडार
भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। अब हम सभी विदेशी दायित्वों को पूरा करने के लिए काबिल है।
भारत का सर्विस एक्सपोर्ट
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान भारत का सेवा निर्यात लचीला रहा।
रिटेल महंगाई दर
एमपीसी बैठक में लिये गए फैसलों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रबी फसलो की बुआई में प्रगति देखने को मिली है। इसके अलावा आगामी वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष 2024 में रिटल महंगाई का अनुमान 5.4 फीसदी है। वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 4,7 फीसदी हो सकता है।
रियल जीडीपी ग्रोथ
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7 पर्सेंट रहने की उम्मीद जताई है। शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई में नरमी देखने को मिल रही है। महंगाई 4 पर्सेंट पर रहने का अनुमान है। दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 5.69 फीसदी रही।
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रेवर्स रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
आरबीआई गवर्नर ने क्रेडिट पॉलिसी फैसले का एलान करते हुए कहा कि समिती के 6 में से 5 मेंबर्स ने दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। इसके अलावा रेवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। वहीं एमएसएफ रेट और बैंक रेट6.75 फीसदी पर स्थिर रखना का फैसला लिया गया है। इसके अलावा एसडीएफ भी 6.25 फीसदी पर स्थिर है।
कम नहीं होगी EMI
रेपो रेट का सीधा असर लोन पर देखने को मिलता है। अगर रेपो रेट बढ़ता हो तो ईएमआई भी बढ़ती है। अगर रेपो रेट कम होता है तो ईएमआई भी कम होती है। ऐसे में इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब है कि ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा।