अडानी ग्रुप की कंपनियों सरकारी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम का बड़ा निवेश है। इसलिए अडानी ग्रुप के गिरते शेयरों के चलते विपक्ष के निशाने पर LIC आ गई। समूह की गिरते शेयरों के कारण विपक्ष के निशाने पर LIC आ गई। समूह की गिरते शेयरों का असर LIC के स्टॉक पर भी पड़ा। लेकिन पिछले दिनों बीमा कंपनी के शेयरों में भी तेजी देखने को मिली। शुक्रवार को लगातार तीसरे सत्र में अडानी समूह के शेयरों में तेजी के बाद LIC ने निवेश पर हुए अपने नुकसान की भरपाई कर ली।
बीमा कंपनी ने अडानी समूह की 10 लिस्टेड कंपनियों में से सात में निवेश किया है। अडानी ग्रीन एनर्जी में इसकी 1.28 फीसदी और अडानी पोर्टस में 9.14 फीसदी की तेजी आई है। शुक्रवार को अडानी पोर्टस के शेयरों में करीब 10 फीसदी की तेजी आई है। शुक्रवार को अडानी पोर्टस के शेयर करीब 10 फीसदी बढ़कर 684.35 रुपए पर बंद हुए।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। ग्रुप कंपनियों का कैपिटलाइजेशन 60 से 70 फीसदी घट गया। जैसे ही अडानी के शेयरों में गिरावट आई LIC का निवेश नेगेटिव हो गया। 24 फरवरी को अडानी समूह में एलआईसी के शेयरों की वैल्यू 30,127 करोड़ रुपए के खरीद मूल्य के मुकाबले घटकर 29,893.13 करोड़ रुपए रह गया।
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LIC की कितनी हिस्सेदारी
LIC ने 30 जनवरी को एक बयान में कहा था कि 31 दिसंबर 2022 तक अडानी समूह की कंपनियों के तहत इक्विटी और कर्ज के तहत उसकी कुल हिस्सेदारी 35,917.31 करोड़ रुपये थी. 27 जनवरी, 2023 को बाजार बंद होने के समय निवेश का बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रुपये था. पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में अडानी की कंपनियों के शेयरों में काफी तेजी आई है. अडानी ग्रुप की लिस्टेड 10 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1.73 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।