बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उमा भारती, एमएम जोशी, साध्वी ऋतुंबरा, विनय कटियार समेत अन्य के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही आज बंद कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवमानना मामले में याचिकाकर्ता का निधन हो चुका है, अयोध्या फैसले के बाद कुछ भी नहीं बचा है। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचे को ढहाए जाने के बाद दाखिल अवमानना याचिकाओं पर जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले की सुनवाई बंद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में अब कुछ नहीं बचा है, आप मरे हुए घोड़े को कोड़े मारते नहीं रह सकते, हम केवल पुराने मामलों को उठाने का प्रयास कर रहे हैं, कुछ बच सकते हैं कुछ जा सकते हैं, 5 जजों की बेंच पहले ही बड़े मुद्दे पर फैसला कर चुकी है।
दरअसल, 1992 में अयोध्या के श्रीरामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अधिकारियों और अन्य के खिलाफ अवमानना का केस दाखिल किया था।।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता असलम भूरे अब इस दुनिया में नहीं हैं, साथ ही, 2019 में अयोध्या विवाद पर आए फैसले के चलते भी अब इस मामले को बनाए रखना ज़रूरी नहीं है। दिवंगत असलम भूरे के वकील एम एम कश्यप ने नए याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका दाखिल करने की अनुमति मांगी, लेकिन कोर्ट ने इससे मना कर दिया। तात्कालीन यूपी सरकर पर आरोप था कि राज्य सरकार ने ही रथ यात्रा निकलने की अनुमति दी थी, सुरक्षा के आश्वासन के बावजूद बाबरी विध्वंस हुआ था, इस मामले में कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल गया था, क्योंकि मामला 30 साल से ज्यादा पुराना है और याचिकाकर्ता तक की मौत हो चुकी है, हालांकि इसके कारण मस्जिद विध्वंस से जुड़े अन्य मामले प्रभावित नहीं होंगे।
अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने से पहले से सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ को अनियंत्रित होने से रोकने को लेकर कई निर्देश दिए थे, सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के सीएम रहे बीजेपी के दिवंगत वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह को अपने निर्देशों का पालन न करने के लिए अवमानना का दोषी माना था। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 1994 को कोर्ट ने कल्याण सिंह को 1 दिन की जेल की सजा का आदेश दिया था। बाबरी विध्वंस मामले में अवमानना मामले में कई नेता और अधिकारियों की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश से लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी उमा भारती साध्वी ऋतंभरा विनय कटियार को बड़ी राहत मिल गई है।