(अवैस उस्मानी): मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा। सत्येंद्र जैन की ज़मानत याचिका पर अब नए सिरे से सुवनाई शुरू होगी। सत्येंद्र जैन की ज़मानत याचिका को स्पेशल CBI गीतांजली गोयल की कोर्ट से दूसरे जज के पास ट्रांसफर कराने की ED की मांग वाली याचिका को राउज एवेन्यु कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज ने मंजूर कर लिया। सत्येंद्र जैन की ज़मानत याचिका पर अब स्पेशल CBI जज विकास ढुल की कोर्ट में सुनवाई होगी। ED ने याचिका में कहा कि सतेन्द्र जैन ने बीमारी का झूठा बहाना बनाया। मंत्री पद का इस्तेमाल कर LNJP अस्पताल और जेल अधिकारियों को प्रभावित किया, लेकिन कोर्ट ने ED की इन दलीलों को नज़रंदाज़ कर दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील कपिल सिब्बल ने ED की ट्रांसफर याचिका का विरोध किया
मामले की सुनवाई के दौरान ED की तरफ से ASG राजू ने कहा कि गलत मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बेल लेने की कोशिश थी, दिल्ली सरकार के मेडिकल से रिपोर्ट दी गई जिसके यह मंत्री थे, गलत रिपोर्ट थी कोर्ट ने रिपोर्ट भी मांगी लेकिन कोई एक्शन नही लिया, सत्येंद्र जैन जेल मंत्री भी रहे हैं, वह मनी पावर और पोलिटिकल पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं, ASG राजू ने कहा कि ED अगर मेडिकल रिपोर्ट पर आपत्ति जाता रही है तो उसको कोर्ट को मानना चाहिए था, सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य मंत्री थे उनके सरकारी अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट आई थी, वह मेडिकल रिपोर्ट पूरी तरह से गलत थी,ASG राजू ने कहा सत्येंद्र जैन ने न्याययिक हिरासत में ज़्यादातर समय अस्पताल में बिताया, हमने सारे दस्तावेज़ कोर्ट में पेश किया था। ASG राजू ने कहा कि सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य मंत्री थे, उनके सरकारी अस्पताल से मैनेज की हुई मेडिकल रिपोर्ट आई, यह पूरी तरह से साफ है कि सत्येंद्र जैन अस्पताल को मैनेज कर रहे थे, दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया तो सत्येंद्र जैन को अस्पताल से तुरंत डिस्चार्ज कर दिया गया। ED की तरफ से ASG राजू ने कहा कोर्ट को हमने बताया था सत्येंद्र जैन को अस्पताल में कोई ऑक्सीजन नहीं दी आज रही थी वह अस्पताल में आराम से रह रहे थे, कोई ऑक्सीजन मास्क उनको नहीं लगाया गया था।
Read also: दिल्ली मे लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों पर हुआ जलभराव, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस नें जारी की एडवाइजरी
सत्येंद्र जैन की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगस्त के महीने में जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जांच की शुरुआत से कभी भी जज के बायज़्ड होने की बात नहीं कही, 13 सितंबर को 2 घंटे तक जज के सामने ED के वकील ने जिरह किया, और 15 सितंबर को मौखिक रूप से कहा कि वह दूसरी कोर्ट में मामले की सुनवाई चाहते थे, अगस्त से 13 सितंबर के बीच कभी जज पर सवाल नहीं उठाया, हमको नही मालूम की 13 से 15 सितंबर के बीच ऐसा क्या हुआ कि ED ने जज पर सवाल उठा दिया, जैन की तरफ से सिब्बल ने कहा कि 13 तारीख को जज ने ED से कुछ सवाल पूछे थे अगर कोई जज कोई सवाल पूछता है तो क्या वह बायज़्ड हो गया, कोर्ट को तय करना है कि 13 सितंबर तक जज बायज़्ड नहीं था, अगर जज ने आरोपी जैन को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की इजाज़त नहीं दी तो क्या जज का प्रभावित हुआ हुआ।
वकील सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा यह तो ज्यूडिशियरी को मैसेज देना हुआ की अगर जज हमारी नहीं सुनेंगे तो हम यह करेंगे, सिब्बल ने कहा कि सत्येंद्र जैन मंत्री नहीं है, उनके पास कोई मंत्रालय नहीं है, मंत्री बिना पोर्टफोलियो है, जांच एजेंसी कह रही है वह जेल और स्वास्थ्य मंत्री हैं, सत्येंद्र जैन की तरफ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ED ने जज के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है, जिनती भी बातें कोर्ट के सामने रखी है सब सत्येंद्र जैन के बारे में अगर आरोपी अस्पताल से डिसचार्ज होता हिट ओ वह जेल ही जायेगा और कहां जाएगा।