PFI पर NIA की कार्रवाई के खिलाफ केरल में PFI का हिंसक प्रदर्शन हुआ है। PFI ने केरल में आज सुबह से शाम तक की हड़ताल का आह्वान किया। केरल और तमिलनाडु तक में जमकर तोड़फोड़ हुई। वहीं तमिलनाडु में बीजेपी दफ्तर पर भी हमला किया गया। कोच्चि में भी सरकारी बसों के साथ तोड़फोड़ की गई, और हिंसा का असर तिरुवनंतपुरम में भी देखने को मिला और वहां पर भी वाहनों की तोड़फोड़ की गई।
बता दें की NIA ने देश के लगभग 13 राज्यों में छापेमारी की। जहां से उसने 106 PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी की। NIA ने PFI पर देश में आतंकवादी गतिविधियों का कथित रूप से वित्तपोषण करने को लेकर छापेमारी की थी। PFI के कार्यकर्ताओं ने NIA की छापेमारी के विरोध में केरल में विरोध प्रदर्शन कर रहे है। केरल के कन्नूर में PFI द्वारा NIA की छापेमारी के खिलाफ आज एक दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस दौरान दुकानें बंद दिखीं।
NIA के छापामारी का विरोध कर रहे कार्यकर्ता हिंसक हो उठे है। बंद का समर्थन कर रहे लोगों ने एक ऑटो-रिक्शा और एक कार को कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। और कई वाहनों में भो तोड़ फोड़ की। जानकारी के अनुसार कुछ पुलिस वालों पर भी हमला हुआ। इसके मद्देनज़र सरकार ने अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती का दी है।
केरल हाईकोर्ट ने राज्यव्यापी बंद बुलाने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नेताओं के खिलाफ सुओ मोटो एक्शन लिया है। केरल HC के आदेश के मुताबिक कोई भी बिना अनुमति के बंद नहीं बुला सकता है। कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि गिरफ्तारियों के बाद ऐसा प्रदर्शन ठीक नहीं। बंद को लेकर कोंगरेसस द्वारा अपनी यात्रा रोके जाने पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा है की PFI और इस्लामिक जिहादी संगठनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया और कांग्रेस ने आज अपनी पद यात्रा रोक दी इससे घटिया और शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।
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जानकारी के अनुसार NIA को जानकारी मिली थी की देश में आतंकवादी गतिविधियों को करने के लिए देश के कुछ राज्यों से भारी मात्रा में टेरर फंडिंग की जा रही है। जिसका लिंक खंगालने के बाद NIA और ED ने 13 राज्यों में छापे मारे हैं। इनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।
जांच एजेंसी के मुताबिक लगभग 1.36 करोड़ रुपये की रकम आपराधिक तरीकों से प्राप्त की गई। इसका एक हिस्सा भारत में पीएफआई और सीएफआई की अवैध गतिविधियों के संचालन में खर्च किया गया। सीएए के खिलाफ होने प्रदर्शन, दिल्ली में 2020 में हुए दंगों में भी इस पैसे के इस्तेमाल की बात सामने आई थी। पीएफआई द्वारा 2013 के बाद पैसे ट्रांसफर और कैश डिपॉजिट करने की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि भारत में पीएफआई तक हवाला के जरिए पैसा आता है।
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