अमन पांडेय : इन दिनों सुर्खीयों में चल रहे धिरेंद्र शास्त्री उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में पहुंच गए हैं। संगम में चल रहे माघ मेले में पहुंचकर वह आस्था की डुबकी लगाएंगे। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री निर्मोही अखाड़े के संत संतोष दास (सतुआ बाबा) के यहां साधु-संतों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लेंगे। धीरेंद्र शास्त्री यहां हिंदू राष्ट्र को लेकर चलाई जा रही मुहिम के लिए संतो का समर्थन भी मांगेंगे। सतुआ बाबा के यहां उनके आने की तैयारियां हो चुकी है।
माघ मेले से धीरेंद्र शास्त्री हिंदुत्व की अलख जगाकर सनातन धर्म की मजबूती के लिए एक बड़ा संदेस देकर जाएंगे। वहीं विहिप पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मुहिम का समर्थन कर उनके साथ खड़े होने की बात कह चुका है। माग मेले से निकलकर शास्त्री शहर से 50 किलोमीटर दूर मेजा में मां शीतला कृपा महोत्सव में जाकर लोखों श्रध्दालुओं को कथा सुनाएंगे।
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री तब से काफी चर्चा में हैं, जबसे महाराष्ट्र अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति ने उन पर अंधविश्र्वास और जादू टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने दावा किया था कि धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू टोना को बढावा देते हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर आम लोगों को लूटने , धखाझधड़ी करने और उनका शोषण करने का आरोप भी लगाया था।
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अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती भी दी थी कि अगर वो उनके बीच दिव्य दरबार लगाते हैं। और चमत्कार करके दिखाते हैं तो वो उन्हें 30 लाख रुपए देंगे। समिति का कहना था कि धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार नाम से जो सभा करते हैं, उसमें दो कानूनों का उल्लंघन होता है। पहला है 2013 का महाराष्ट्र का जादू टोना विरोधी कानून और दूसरा है 1954 का ड्रग एंड रेमेडीज एक्ट। श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ नागपुर में शिकायत भी की थी।
हालांकि, इन आरोपों पर जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया था कि वो कोई अंधविश्र्वास नहीं फैलाते और न ही किसी की समस्या दूर करते है।