ISRO का सीक्रेट प्लान हुआ तैयार! ‘मिशन सूरज’ से खुलेंगे सारे रहस्य

Sun Mission ISRO- चंद्रयान-थ्री मिशन की ऐतिहासिक कामयाबी के बाद  श्रीहरिकोटा अंतरिक्षयान से दो सितंबर को सुबह 11 बज कर 50 मिनट पर सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल वन अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की घोषणा की। ये मिशन सूर्य की सतह पर होने वाली घटनाओं को समझने में मदद करेगा।……Sun Mission ISRO

माधवन नायर, पूर्व इसरो प्रमुख  बताते है कि “स्वाभाविक रूप से सूर्य ही पृथ्वी ग्रह पर सारी गतिविधियों को बनाए रखता है। सौर सतह पर होने वाली विभिन्न घटनाओं को गहराई से समझना न केवल आज के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी बहुत मददगार होगा। वर्तमान के लिए इसलिए कि सौर सतह पर ऐसी बहुत सी चीजें घट रही हैं, जो यहां के जीवों, जलवायु, मौसम परिवर्तन और उन सभी चीजों पर सीधे असर डालती हैं।

आदित्य एल वन पृथ्वी से सूर्य की तरफ 15 लाख किलोमीटर तक जाएगा और सूरज का अध्ययन करेगा। ये सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट पर रह कर उसके के चक्कर लगाएगा। लैग्रेंज प्वॉइंट की खासियत की वजह से आदित्य एल वन को ईंधन के मामले में काफी सहूलियत रहेगी।

माधवन नायर, पूर्व इसरो प्रमुख कहते है कि अब वे लैग्रेंज बिंदु पर एक अंतरिक्ष यान रखने के विचार के साथ आए हैं। वहां सूर्य और पृथ्वी का एक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र है, वे उस बिंदु पर कमोबेश मेल खाते हैं। वहां एक अंतरिक्ष यान को बनाए रखना ईंधन की खपत के मामले में सबसे कम खर्चीला है। आप सूरज पर लगातार नजर रख सकते हैं।

Read also-ED जबरन वसूली विभाग बन गया है- आप सांसद संजय सिंह

आदित्य-एल वन मिशन सूरज में होने वाली अलग-अलग तरह की हलचलों के अध्ययन के लिए सात पेलोड ले कर जाएगा।

नंबी नारायणन, पूर्व वैज्ञानिक, इसरो कहते है कि सौर हवा और कोर बर्निंग सभी सूरज से निकलते हैं या पृथ्वी और आकाशगंगा की ओर आ रहे हैं। अब क्योंकि हम वायुमंडल की वजह से संरक्षित हैं, इसलिए वे पृथ्वी तक नहीं पहुंच रहे हैं। इसलिए हमने सोचा कि क्या आप वास्तव में सिस्टम और इसकी वास्तविकता को समझना चाहते हैं। इसमें फायदे या खतरे शामिल हैं, आपको वायुमंडल से बाहर जाना होगा और इसका सामना करने की कोशिश करनी होगी। यही इस प्रणाली का डिज़ाइन है। हम वायुमंडलीय हालात से बाहर जा रहे हैं और फिर हम इसे एल-वन नाम की जगह पर रखने जा रहे हैं जो मेरिडियन का लैग्रेंज है।

इसरो के अनुसार आदित्य-एल वन राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाली पूरी तरह स्वदेशी कोशिश है। अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अंतरिक्ष यान को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *