केरल सरकार ने केंद्र के उस रुख की आलोचना की, जिसमें उसने राज्य को केवल तभी फंड लेने की इजाजत देने की बात कही है जब केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट में दर्ज केस वापस लेगी।प्रदेश सरकार ने केंद्र के इस रुख को निराशाजनक और राजकोषीय संघवाद के लिए हानिकारक बताया है।
बालगोपाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अगर केरल सरकार अपनी याचिका वापस ले लेती है, तो सरकार सोमवार को ही राज्य को लगभग 12,000 करोड़ का कर्ज लेने की इजाजत दे देगी। सरकार ने उस फंड के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है, जो सही मायने में हमारा है।
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बालगोपाल ने कहा “केंद्र सरकार का रुख बेहद निराशाजनक है और इससे राज्य के वित्तीय संघवाद और प्रदेश सरकार की रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ेगा।अदालत ने मामले को छह मार्च को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। साथ ही केरल और केंद्र सरकार, दोनों से बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने के लिए कहा है।