2012 के छावला रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को मौत की सजा से किया बरी

2012 के छावला रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की मौत की सजा के फैसले को पलट दिया और तीनो दोषियों की रिहाई का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने छावला रेप-मर्डर केस में तीनो दोषियों की फांसी की सज़ा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायधीश जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने छावला मामले में फैसला सुनाया।

साल 2012 छावला रेप मर्डर मामले में रवि कुमार, राहुल और विनोद को अपहरण, बलात्कार और हत्या के विभिन्न आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था। तीनों आरोपियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें की इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल 2022 को तीनों दोषियों की मौत पर फैसला सुरक्षित रखा था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले में फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों के रिहाई का आदेश दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने मौत की सजा कम करने की अर्जी का विरोध किया था। दिल्ली पुलिस की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि यह अपराध सिर्फ पीड़िता के साथ नहीं बल्कि पूरे समाज के साथ हुआ है। दोषियों को कोई रियायत नहीं दी जा सकती क्योंकि उन्होंने ऐसा वहशियाना अपराध किया है। युवती से सामूहिक बलात्कार ही नहीं किया बल्कि उसके मृत शरीर का अपमान भी किया।

छावला गैंग रेप हत्या मामले में दिल्ली की द्वारका अदालत ने फरवरी 2014 में तीन लोगों को 2012 में 19 वर्षीय युवती के साथ हुए बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। तीनों दोषियों रवि कुमार, राहुल और विनोद को अपहरण, बलात्कार और हत्या के विभिन्न आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था। 26 अगस्त 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में तीनों दोषियों की मौत की सज़ा को बरकरार रखा था।

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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह शिकारी थे, जो सड़कों पर घूम रहे थे और शिकार की तलाश में थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने छावला रेप हत्या मामले में तीनों दोषियों की मौत की सज़ा को पलटते हुए तीनो दोषियों को रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज़ पीड़ित परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के परिसर में प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई।

दिल्ली पुलिस के अनुसार तीनों लोगों ने 9 फरवरी 2012 की रात कुतुब विहार इलाके में उसके घर के पास से एक कार में युवती का अपहरण कर लिया था। जब वह काम से लौट रही थी, अभियोजन पक्ष ने कहा था कि रवि कुमार ने अन्य दो आरोपियों की मदद से अपराध को अंजाम दिया। क्योंकि लड़की ने रवि कुमार के दोस्ती के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

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