SYL Canal Issue : पंजाब की पांच यूनियनों के किसानों ने गुरुवार को सतलुज यमुना लिंक नहर के खिलाफ मोहाली में प्रदर्शन किया।एसवाईएल का मुद्दा पिछले कई सालों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है।इस नहर को बनाने की पीछे सोच ये थी कि इससे रावी और ब्यास नदियों के पानी को दोनों राज्यों के बीच सही ढंग से बांटा जा सकेगा। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर बननी है जिसमें 122 किलोमीटर का हिस्सा पंजाब में और बाकी 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाया जाना है।हरियाणा सरकार एसवाईएल नहर के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराना चाहती है।
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सुप्रीम कोर्ट ने चार अक्टूबर को केंद्र से कहा था कि वो पंजाब में जमीन का सर्वेक्षण करे जहां एसवाईएल नहर का हिस्सा बनना है और वहां किए गए निर्माण के बारे में भी बताए।हरियाणा ने अपने इलाके में इस परियोजना को पूरा कर लिया है। पंजाब ने भी इस पर 1982 में काम शुरू किया था लेकिन बाद में इसे रोक दिया।किसान संघ का कहना है कि पंजाब के पास खुद के लिए पानी नहीं है और अगर सरकार इसे हरियाणा समेत दूसरे राज्यों के साथ पानी साझा करने को कहती है तो ये गलत होगा।
प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच गुरुवार को होने वाली प्रस्तावित बैठक के खिलाफ भी नारे लगाए। उनका कहना है कि ये बैठक पंजाब को एसवाईएल के अपने हिस्से को बनाने और हरियाणा के साथ पानी साझा करने के लिए बुलाई गई है।प्रेम सिंह भंगू, नेता, किसान यूनियन: सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर ये है कि हरियाणा के साथ एसवाईएल बने, बट वीे आर नॉट कन्सर्न विद द एलोकेशन ऑफ वाटर। पहले पानी का फैसला तो कर लो ना। अगर मालिक पंजाब है। पंजाब के पास पानी है कि नहीं है? है ही नहीं। हमारी धरती को 27 परसेंट पानी मिलता है। और 70 परसेंट पानी हमारा बाहर जाता है।”
(Source PTI)