तमिलनाडु के किसानों ने कर्नाटक सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

 (दीपा पाल )-Tamil Nadu news – कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक एक बार फिर आमने सामने हैं। इस मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने बेंगलुरु बंद बुलाया है। वहीं तिरुचिरापल्ली में तमिलनाडु के किसानों के एक समूह ने अपने मुंह में मरे हुए चूहे रखकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कर्नाटक से राज्य के लिए कावेरी का पानी छोड़ने की मांग की।

मिलनाडु के त्रिची में किसानों ने मंगलवार को कावेरी जल बंटवारा विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का सांकेतिक अंतिम संस्कार करके विरोध प्रदर्शन किया।यह विरोध प्रदर्शन नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले किया गया।

अय्याकन्नू, अध्यक्ष, नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन ने कहा कि भले ही उन्होंने आज तमिलनाडु के लिए पानी नहीं छोड़ा है, उन्होंने कर्नाटक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की तस्वीर पर माला चढ़ाई है और उन्होंने पूजा की है, जो एक ऐसे व्यक्ति के लिए की जाती है जिसकी मृत्यु हो गई है। इसलिए, हमने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की एक तस्वीर भी लगाई है मंत्री सिद्धारमैया ने इस पर माला चढ़ाई और पूजा कीतंजावुर जिले के किसानों ने कर्नाटक के पानी देने से इनकार करने के विरोध में धान की फसल का ‘थारपनम’ यानी अंतिम संस्कार किया।

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किसान सुकुमार ने कहा कि हमने अपनी धान की फसल का अंतिम संस्कार किया। हमारे पास कुरुवई खेती के तहत 3.5 लाख एकड़ जमीन है, जिसमें से 1.5 लाख एकड़ धान की फसल सिंचाई के अभाव में सूख गई है। कल, नागपट्टिनम में एक किसान ने आत्महत्या कर ली। किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए तमिलनाडु सरकार प्रति एकड़ 35,000 रुपये की राहत निधि की घोषणा करनी चाहिए ।इस बीच, राज्य के जल संसाधन मंत्री

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दुरईमुरुगन ने कहा कि कावेरी जल बंटवारे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम फैसला है और कर्नाटक को इसका पालन करना चाहिए।
जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन को कहना है कि अगर हर कोई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध करना शुरू कर देगा तो शीर्ष अदालत को दी गई शक्तियों का क्या होगा। उन्हें इसके बारे में सोचना चाहिए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले के विरोध में सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों पर ध्यान देना चाहिए।कावेरी अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति के सदस्यों ने भी सौमित्र कुमार हलदर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख पद से हटाने की मांग करते हुए तंजावुर में ‘रेल रोकी और उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।

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