Telangana News: तेलंगाना में किए गए जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए मंगलवार को राज्य विधानसभा की बैठक आयोजित की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि राज्य मंत्रिमंडल मंगलवार सुबह बैठक कर रिपोर्ट पर विचार-विमर्श करेगा, उसके बाद इसे चर्चा के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा।राज्य विधानमंडल के सचिव ने एक पत्र में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने चार फरवरी को विधानसभा की बैठक बुलाई है। सर्वेक्षण करने वाले राज्य योजना विभाग ने रविवार को नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की उप-समिति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
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जाति सर्वेक्षण के अनुसार, यहां मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोड़कर पिछड़ा वर्ग (बीसी) सबसे बड़ा समूह है जो तेलंगाना की कुल 3.70 करोड़ आबादी का 46.25 प्रतिशत है।पिछड़ी जातियों के बाद अनुसूचित जाति (एससी) 17.43 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) 10.45 प्रतिशत, मुसलमानों में पिछड़े वर्ग 10.08 प्रतिशत, अन्य जातियां (ओसी) 13.31 प्रतिशत और मुसलमानों में अन्य जातियां 2.48 प्रतिशत हैं।
संख्या की दृष्टि से, अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 61,84,319, अनुसूचित जनजाति की 37,05,929, पिछड़ी जातियों (मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोड़कर) की आबादी 1,64,09,179, मुस्लिम अल्पसंख्यकों में पिछड़ी जातियों की संख्या 35,76,588 और मुस्लिम अन्य जातियों की 8,80,424 आबादी है।उत्तम कुमार रेड्डी ने रविवार को कहा, राज्य में मुस्लिमों की कुल आबादी 12.56 प्रतिशत है। राज्य में कुल परिवारों की संख्या 1,15,78,457 है, जबकि 1,12,15,134 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया।
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तेलंगाना पिछड़े मुसलमानों को बीसी श्रेणी के तहत आरक्षण प्रदान करता है।उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सर्वेक्षण का उद्देश्य डेटा-आधारित कल्याणकारी नीतियों को सुगम बनाना और तेलंगाना में समाज के सबसे गरीब, सबसे कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में अवसर पैदा करना है।कांग्रेस सरकार का व्यापक सामाजिक-आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण पिछले साल छह नवंबर से शुरू हुआ और 50 दिनों तक जारी रहा। ये सर्वेक्षण कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा किया गया एक चुनावी वादा था।
