India Lockdown Film Trailer: मधुर भंडारकर की फिल्म इंडिया लॉकडाउन का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। मधुर भंडारकर रियल स्टोरी पर फिल्में बनाने के नाम से मशहूर है। इससे पहले इन्होंने चांदनी बार, पेज 3, हीरोइन, फैशन जैसी फिल्मों को डायरेक्ट कर चुके हैं। इंडिया लॉकडाउन का ट्रेलर देखने के बाद आपको रोने के साथ साथ गुस्सा भी आएगा। 2 मिनट 23 सेकेंड की इस ट्रेलर में कोरोना महामारी के दौरान देश की हुई दुर्दशा को दिखाया गया है।
कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 से शुरू हुए लॉकडाउन ने किस तरह हर इंसान की जिंदगी को प्रभावित किया है यह इस ट्रेलर में दिखाया गया है। वहीं फिल्म के ट्रेलर से ही फिल्म का अंदाजा लगाया जा सकता है की फिल्म कितनी मार्मिक होगी। फिल्म में श्वेता बासु दास, प्रतीक बब्बर, साई ताम्हणकर, अहाना कुमार जैसे कलाकारों का किरदार अहम है। मधुर भंडारकर की यह फिल्म 2 दिसंबर को जी5 पर रिलीज की जाएगी।
फिल्म का ट्रेलर इसकी कहानी बयां करती है। फिल्म में दिखाया गया है की देश में जब लॉकडाउन लगी थी तो देश के अलग अलग तबके के लोगों को किन-किन स्थिति का सामना करना पड़ा था। लॉकडाउन के समय सबलोगों का अपने-अपने घरों से बिना जरुरी बाहर निकलना सरकार की तरफ से मना कर दिया गया था। ऐसी स्थिति में लोगों का काम धंधा भी बंद हो गया था। गरीब लोगों का राशन-पानी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया था। वहीं जो लोग से बाहर थे वो अपने परिवार को टाइम नहीं दे पा रहे थे।
वहीं कुछ ऐसे परिवार जो अच्छे घरों से ताल्लुक रखते हैं, और वो लॉकडाउन के समय अपने घर पर ही है। उन्हें तो अपने फॅमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका मिल गया लेकिन जो लोग दूसरों का घरों में काम काम करते है उनके लिए एक दिन के खाने का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया। वहीं जब पुरा देश ऐसे आपदा की स्थिति से जूझ रहा था तो उस समय एम्बुलेंस का और दूसरा इस्तेमाल क्या हो रहा था ये सब भी ट्रेलर में दिखाया गया है। वहीं ऐसे समय में जब सड़कों पर कोई गाड़ी या साधन नहि मिला तो कई मीलों का सफर पैदल ही तय करके लोग अपने घर पर जाने को मजबूर थे। वहीं ट्रेलर में पलायन के दृश्यों को भी बखूबी दिखाया गया है।
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‘इंडिया लॉकडाउन’ फिल्म के ट्रेलर में और भी कई ऐसे दृश्यों को दिखाया गया है जिसे देखकर सिहर जाएंगे। फिल्म की कहानी को अमित जोशी ने आराधना शाह और मधुर भंडारकर के साथ मिलकर लिखा है। बता दें की साल 2020 में कोरोना ने देश में पैर पसारना शुरू किया था। वहीं हालत गंभीर होने पर सरकार ने पुरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा दिया था। वहीं मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया था। लोगों का काम बंद हो गया था और गरीब लोगों को एक दिन का खाना मिलना भी मुश्किल हो गया था। और मेट्रो सिटी से हजारों लोगों ने पैदल ही अपने परिवारों के साथ अपने-अपने गावों की तरफ पलायन करने लगे थे जिससे बहुत सारी दुर्घटनाएं भी हुई थी।
वहीं दूसरी वेव में हालत और भी बेकाबू हो गए थे मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पतालों में ऑक्सीजन और एम्बुलेंस की किल्ल्त भी हो गयी थी, ना जाने कितने परिवार उजाड़ गए थे इसकी अभी भी सही गिनती नहीं है। जिसके असर अभी भी बहुत सारे परिवारों में दिखता है। यहां तक की श्मशान घाट पर भी लाशों को जलाने के लिए जगह नहीं बची थी। कोरोना महामारी जैसे भयावह हालत ने पुर विश्व को तोड़ के रख दिया था।