बजरंगदल पर प्रतिबंध का सवाल नहीं, केंद्र सरकार का अधिकार

(आकाश शर्मा) कर्नाटक चुनाव का प्रचार प्रसार बड़ी ही तेजी से हो रहा हैं । सभी पार्टिया बडे़ बड़े चुनावी वादें और कसीदे तैयांर कर रही हैं। कर्नाटक चुनाव में सभी पार्टियों के घोषणा पत्र जारी हों भी चुकें हैं । सभी पार्टी जनता के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करके उन मुद्दो से अपनी राजनीति चमकाने में लगी हुई हैं । भाजपा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के किऎ काम को लेकर जनता के बीच जा रही हैं । वही कांग्रेस पार्टी राज्यसरकार की विफलता को लेकर जनता का सामना कर रहीं हैं।

चुनावी संखनाद में घोषणा पत्रो की चर्चा भी हो रहीं। कांग्रेस पार्टी नें अपने घोषणा पत्र में बजरंगदल की तुलना PFI आतंकी संगठन से की, और उसे बैन करने की घोषणा कर दी । तभी से ही राजनीति में इस मुद्दे को लेकर काफी जुबानी जंग हो रही हैं।

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इस मामलें में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आऎ पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार नें अपनी पार्टी के खिलाफ़ बयान दिया, कहां कि बजरंगदल को बैंन नही किया जायेंगा, इसका अधिकार केवल केंद्र का हैं तो इसका तो कोई मतलब नहीं बनता की वो बैंन होंगा। मुद्दा इतना बडा हो गया कि देश के प्रधानमंत्री भी अपनी रैलियों में बजरंगबली की जय का उधघोष कर रहें हैं।

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