त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को अगरतला में भारतीय भाषा दिवस का उद्घाटन किया।तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रह्मण्य भारती के जयंती पर देशभर में कार्यक्रम का आयोजित किया गया।एकता को बढ़ावा देने में भाषा की भूमिका पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाषा वो माध्यम है जिससे कोई भी भारतीय पहचान को अपना सकता है।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा उच्च शिक्षा विभाग के सचिव रवेल हेमेंद्र कुमार और विभाग के निदेशक डॉ. एन. सी. शर्मा समेत स्कूलों के शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
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इस साल, केंद्र सरकार ने 28 सितंबर से 11 दिसंबर तक आयोजित विचार-मंथन सत्र के दौरान मिली राय के आधार पर पहली बार 11 दिसंबर को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।जिसका उद्देश्य प्रख्यात तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रह्मण्य भारती को सम्मानित करना है।भाषाई विभाजन से परे होने के बावजूद, भारती ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित किया। देश के प्रति उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यही वजह है कि शिक्षा मंत्रालय ने भारत सरकार को 11 दिसंबर को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया।
भारत सरकार व्यावहारिक कौशल और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके भाषाई एकता को सक्षम करने के लिए काम कर रही हैं, जिससे एक इलाके की भाषा बोलने वालों को दूसरे इलाके की भाषा को आसानी से समझने, बोलने और लिखने की अनुमति मिल सके। इस विचार का प्रधानमंत्री मोदी ने समर्थन किया है।”