US: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा है कि टेक्नोलॉजी और दूसरे क्षेत्रों में सहयोग के साथ भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। सुलिवन ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने और सऊदी अरब के इसका हिस्सा बनने पर विचार करने के मद्देनजर दुनिया में अमेरिकी लीडरशिप में गिरावट पर सवालों का जवाब दे रहे थे।
Read Also: Delhi: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन झंडेवालान मंदिर में आरती में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़
एनएसए सुलिवन ने कहा कि दुनिया भर में अमेरिका के रोल और अहम क्षेत्रों में उसके संबंधों को देखते हुए उन्हें लगाता है कि उनका देश बेहतर जगह पर है। सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ने नाटो को पहले से कहीं ज्यादा बड़ा बना दिया। उन्होंने कहा कि इसी हफ्ते अमेरिका, जापान और फिलीपींस के बीच त्रिपक्षीय बातचीत हुई। सुलिवन ने कहा कि इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में अमेरिका ने सिर्फ अपने पारंपरिक सहयोगियों के साथ ही नहीं बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया जैसे देशों और आसियान के साथ भी अपने संबंधों को आगे बढ़ाया है। जेक सुलिवन ने कहा कि अगले महीने राष्ट्रपति बाइडेन राजकीय दौरे पर आने वाले केन्या के राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे जो ऐतिहासिक लम्हा होगा।
Read Also: केंद्र ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को जेड श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा दी
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिका में एक शिखर सम्मेलन में अफ्रीका के सभी नेताओं की मेजबानी की। सुलिवन के मुताबिक अमेरिका ने अमेरिकाज के साथ-साथ अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया और उससे आगे के क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर, फिजिकल, डिजिटल, एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में अपना निवेश बढ़ाया है। सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ने रूस के इंडस्ट्रियल बेस के इनपुट के बारे में चीन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ऐसा कोई सबूत नहीं देखा है कि रूस को चीन सीधी सैन्य सहायता देगा लेकिन अमेरिका ने रूस के डिफेंस इंडस्ट्रियल बेस के इनपुट के बारे में अपनी चिंता जताई है। उनके मुताबिक इसके बारे में विदेश मंत्री ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते यूरोप में काफी प्रभावी ढंग से बात की थी।