Delhi: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन बुधवार सुबह दिल्ली के मशहूर झंडेवालान मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने और सुबह की आरती में शामिल होने पहुंचे। चैत्र नवरात्रि का नौ दिन का त्योहार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख को शुरू होता है। इसी के साथ नए हिंदू वर्ष की भी शुरूआत होती है। ये त्योहार गर्मियों की शुरुआत का भी प्रतीक है। इसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में उगादी जैसे दूसरे भारतीय त्योहारों के साथ मनाया जाता है।
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नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा का रूप ‘देवी ब्रह्मचारिणी’ पूजा जाता है। माता के नाम से उनके अधिकारों की जानकारी मिलती है। हम बार-बार ब्रह्मचारिणी को नमन करते हैं, जिसका अर्थ है तपस्या करने वाली। आत्मविश्वास, आयु, आरोग्य, सौभाग्य, अभय आदि लाभ माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से प्राप्त होते हैं। ब्राह्मी भी माता ब्रह्मचारिणी को कहते हैं। मां भगवती की इस शक्ति की पूजा करने से व्यक्ति अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं होता और सही रास्ते पर चलता है। आइए मां ब्रह्मचारिणी की आरती, विधि, मंत्र और स्वरूप को जानें।
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बता दें कि शास्त्रों में कहा गया है कि मां दुर्गा ने पर्वतराज में पार्वती के रूप में जन्म लिया था और महर्षि नारद के कहने पर भगवान महादेव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी था क्योंकि वे हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या करते रहे थे। इस तपस्या के दौरान उन्होंने कई वर्षों तक बिना खाए रहकर महादेव को प्रसन्न कर लिया। नवरात्र के दूसरे दिन इन्हें इसी तरह पूजा और स्तवन किया जाता है, जो उनके तप का प्रतीक है।