Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttarakhand) के रामनगर (Ramnagar) में बुधवार को बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई। मनोरथपुर बांसीटिला गांव में 45 साल के प्रमोद तिवारी घर के पास गेहूं की कटाई कर रहे थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया।
Read Also: Summer Health : सूरज की किरणों में छुपा हैं इन बीमारियों का खतरा, जानिए कैसे करें बचाव
ग्रामीणों का कहना है कि आदमखोर बाघ काफी समय से घूम रहा है लेकिन उसे पकड़ने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई है। ग्रामीण जंगली जानवरों के हमलों से परेशान हैं। पूर्व ब्लॉक प्रमुख के मुताबिक बाघ अब तक सात-आठ लोगों को अपना शिकार बना चुका है लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। ग्रामीणों ने शव को खेत में रखकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीण आगे के हमलों को रोकने के लिए आदमखोर बाघ को मारने की भी मांग कर रहे हैं। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के प्रमुख दिगंत नायक ने ग्रामीणों को भरोसा दिया कि वे बाघ को पकड़ने की कोशिश करेंगे।
Read Also: Crime News: दो सिपाहियों ने की एक साथ आत्महत्या, पोस्टमार्टम में हुआ ये खुलासा..
पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि निश्चित रूप से दो माह बाद फिर बाघ की दहशत यहां पर देखने को मिल रही है। आपने देखा होगा कि सात-आठ लोगों को पहले भी बाघ ने निवाला बनाया, बहुत सारे धरने प्रदर्शन हुए लेकिन प्रशासन फिर भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है। साथ ही मृतक के पिता हरीश तिवारी का कहना है कि मुझे पता नहीं, मेरे लड़के पर झपट्टा मार दिया। वो बहादुरी के साथ लड़ा उससे और मार दिया गया।