16 महीनों से मणिपुर जल रहा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी बेपरवाह- कांग्रेस

Manipur Hinsa:
Manipur Hinsa:  कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर में 16 महीनों से हिंसा हो रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेपरवाह हैं।
दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी गिरीश चोडनकर, मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह और मणिपुर इनर सीट से कांग्रेस सांसद डॉ. ए बिमोल अकोइजाम ने मणिपुर हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की मांग की।

Read also-जेल से बाहर आते ही PM मोदी पर बरसे सांसद राशिद इंजीनियर, कहा- मोदी का नया कश्मीर नाकाम

श्रीनेत ने कहा कि 16 महीनों से मणिपुर जल रहा है। हिंसाग्रस्त प्रदेश में आगजनी, हत्याएं, लूट की वारदातें हो रही हैं। पिछले दस दिन में 11-12 लोगों की मौत हो चुकी है। गांवों में ड्रोन से बम गिराए जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर रॉकेट से हमला किया गया। मणिपुर के राज्यपाल के घर पर पथराव हो रहा है। कई जिलों में कर्फ्यू लगा है, इंटरनेट बंद है, युवा सड़कों पर हैं। सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। मणिपुर की पूर्व राज्यपाल ने हालात को अत्यंत गंभीर बताया, ऐसे में उनको हटाकर ऐसे राज्यपाल को नियुक्त किया गया, जिसके पास मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार है। लेकिन इस देश के प्रधानमंत्री के पास समय नहीं है कि वो मणिपुर चले जाएं। श्रीनेत ने पूछा कि मणिपुर में हाई-टेक हथियार कहां से आ रहे हैं और कहा कि प्रशासन की ऐसी विफलता की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है।

Read also-पिता की मौत की खबर सुन मलाइका अरोड़ा का रो रोकर बुरा हाल, ढांढस देने कई सेलेब्स पहुंचे

श्रीनेत ने कहा कि नरेंद्र मोदी चुनाव में मणिपुर नहीं जाते हैं, उसके बगल के राज्यों में जाकर लौट आते हैं। वे विदेश घूमकर आ जाते हैं, लेकिन बस मणिपुर नहीं जाते। मणिपुर में जब बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा था, तब भी प्रधानमंत्री सिर्फ 36 सेकेंड के लिए बोले थे।
श्रीनेत ने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री की नाक के नीचे राज्य जलता रहा और वह दिल्ली की कठपुतली बने रहे। अब वह मणिपुर के लिए आवाज उठाने का नाटक कर रहे हैं।
मणिपुर कांग्रेस प्रभारी गिरीश चोडनकर ने कहा कि मणिपुर संकट शुरू होने के बाद राहुल गांधी ने तीन बार मणिपुर का दौरा किया और अपनी ओर से शांति लाने का प्रयास किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानबूझकर स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने दे रहे हैं। ये संदेह इसलिए पैदा हुए क्योंकि राज्यपाल का अचानक तबादला कर दिया गया। मणिपुर पर प्रधानमंत्री की ओर से कोई बयान नहीं आया और संकट को हल करने के लिए उनके स्तर पर कोई प्रयास नहीं हुआ।
मणिपुर कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि राज्य के लोग दर्द, डर और चिंता में जी रहे हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से मणिपुर को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस मांग करती है कि प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी तोड़ें। प्रधानमंत्री उग्रवादी समूहों पर पूरी तरह से नकेल कसें और उच्च तकनीक वाले हथियारों का इस्तेमाल किए जाने की तत्काल जांच शुरू कराएं।
मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने कहा कि मणिपुर में 3 मई 2023 से उथल-पुथल जारी है। अब एक सितंबर के बाद से हिंसा और बढ़ गई है। अत्याधुनिक हथियारों, ड्रोन और विभिन्न स्थानों पर बमबारी के कारण कई नागरिकों की मौत हुई है। जबकि कई अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं। 60 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में हैं और सैकड़ों लोग मारे गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मणिपुर को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं। मणिपुर में केवल दो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, वे मई 2023 से बंद हैं। मणिपुर में लोग उच्च महंगाई दर का सामना कर रहे हैं, जो देश में सबसे अधिक 10.7 प्रतिशत है।
वहीं कांग्रेस सांसद डॉ. ए बिमोल अकोइजाम ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ हो रहा है, वैसा स्वतंत्रता के बाद से भारत में कभी नहीं हुआ। संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश से ज़्यादा दुनिया के दूसरे हिस्सों में चल रहे संकटों और संघर्षों की चिंता है। शायद वे मणिपुर को देश का हिस्सा ही नहीं मानते। यह सिर्फ हिंसा और मानवीय त्रासदी नहीं है; यह संस्थागत और संवैधानिक पतन है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *