(राहुल सहजवानी): पहाड़ों पर हुई बरसात से यमुना की लहरें उफान पर है। हथनीकुंड बैराज पर यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके बाद यमुना से सटे मैदानी इलाकों में बाढ़ का पानी जाने लगा है। जहाँ बाढ़ का पानी कई गांवों में आ गया है। हथनीकुंड से डाइवर्ट किया गया 2लाख 96 हजार पानी राजधानी दिल्ली में 72 घंटे बाद दस्तक देगा। जिससे निचले इलाकों पर बाढ़ का खतरा अभी से मंडराने लगा है।
लगातार हो रही बरसात के बाद देर रात से ही यमुना का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया था। पानी के 70 हजार क्यूसिक पार होते ही हथनीकुंड बैराज के सभी गेट खोल दिये गए थे। बढ़ते बढ़ते जलस्तर सुबह 2 लाख 96 हजार क्यूसिक पानी यहाँ से डाइवर्ट किया गया।बाढ़ का पानी यमुना नदी के साथ लगते गांव के बीच में देर रात ही दस्तक देने लग गया तस्वीरे देख कर लगता है कि कई गांव बाढ की चपेट में आने वाले है और कई गांवों में अभी से ही पानी ने दस्तक देनी शुरू कर दी है।
वहीं लापरा गांव के लोगो का कहना कि यमुना में पानी छोड़ने से पहले किसी गांव में कोई भी मुनियादी नही की गई और गांव के लोग जब सुबह उठे तो उनका गांव पानी से घिरा हुआ था पानी का दस्तक देते ही कई घरों में दरारे आ गई है। और जमीन यमुना में किसी भी समय समा सकती है और उनके घर पानी में गिर सकते है जिसको लेकर लोग काफी परेशान है और अभी पानी और आने का खतरा बना हुआ है जिसको लेकर लोग अपने घरों का समान भी उठाकर ऊँची जगहों और घर के सामान को लेकर छतों पर बैठे है। अभी यमुना में 2 लाख 21 हजार 786 क्यूसिक पानी है।
Read also: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को जन्मदिन के अवसर पर मिली ढेरों शुभकामनाएं
हालांकि इससे खतरा थोड़ा कम हुआ है लेकिन अगर पहाड़ो पर फिर से बरसात हुई तो खतरा बढ़ सकता है। सिंचाई विभाग के अधिकारी पल-पल की अपडेट ले रहे है और दिल्ली तक के अधिकारियों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये संपर्क में भी है। अधिकारी ने जलस्तर बढ़ने के बाद जहाँ हाई अलर्ट जारी किया तो वहीं लोगो को यमुना के नजदीक न जाने की अपील की है। क्योंकि पानी की रफ्तार बहुत तेज है जिससे कोई भी अनहोनी हो सकती है।