सड़कों पर ट्रैफिक जाम तो सुना होगा, मगर अंतरिक्ष में लगने जा रहा ट्रैफिक जाम पृथ्वी के लिए बजा रहा खतरे की घंटी !

आपने सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम और उसकी परेशानियों के बारे में सुना भी होगा और उसे झेला भी होगा। मगर इस खबर में हम बात करने जा रहे हैं मगर अंतरिक्ष में लगने जा रहे ट्रैफिक जाम की, जो हमारी पृथ्वी के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। इस खतरे को भांपते हुए हमारे वैज्ञानिक भी बेहद चिंतित हैं, क्योंकि अंतरिक्ष में लगने जा रहा ट्रैफिक जाम इस धरती पर सूरज की रोशनी आने से रोकने वाला है।

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आपको बता दें, इस संबंध में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार हमारी पृथ्वी की निचली कक्षा यानी कि लोअर अर्थ ऑर्बिट कुछ दिनों में अंतरिक्ष में घूम रहे कचरे से जाम होने वाली है। जिसके बाद पृथ्वी पर सूरज की रोशनी उस जाम को भेदकर आगे आएगी या कहो बाधा के चलते पृथ्वी तक आ ही ना सके। अगर ऐसा हुआ तो कोई रॉकेट भी पृथ्वी की निचली कक्षा को पार नहीं कर पाएगा। इसके कारण विभिन्न देशों के आगामी कई अंतरिक्ष मिशनों के लॉन्च होने में भी बाधा खड़ी हो जाएगी। इस समस्या को देखते हुए स्पेस ट्रैफिक कॉर्डिनेशन को लेकर बना संयुक्त राष्ट्र का पैनल बेहद चिंतित है। क्योंकि ये सिर्फ अंतरिक्ष मिशन ही नहीं बल्कि पृथ्वी पर सुचारू रूप से चल रहे जन-जीवन पर भी बुरा असर डालेगा ।

अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचली कक्षा के इस जोन में अभी 14 हजार से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं और इनमें साढ़े तीन हजार सैटेलाइट्स तो बेकार ही पड़े हैं। इसके साथ ही 12 करोड़ से ज्यादा अंतरिक्ष का कचरा भी घूम रहा है। इस समय ऐसा है जब विभिन्न देशों, कंपनियों और कॉर्पोरेट्स को अपने सैटेलाइट लॉन्चिंग और इस गंभीर विषय के बारे में सोचने की आवश्यकता है। ये समय ऐसा आ गया है जब सैटेलाइट लॉन्चिंग को कंट्रोल करना होगा और अंतरिक्ष में जमा इस कचरे को कैसे साफ किया जाए इसकी प्लानिंग बनाई जाए। नहीं तो अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स की संख्या बढ़ने से पृथ्वी वासियों को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। खबरों के अनुसार, चीन और रूस से स्पेस में भी खतरा बढ़ा है। क्योंकि जून में एक बेकार रूसी सैटेलाइट फट गया था इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के एस्ट्रोनॉट्स को खतरे का सामना करना पड़ा था। वहीं जितने ज्यादा सैटेलाइट्स अब अंतरिक्ष में छोड़े जाएंगे, उतनी ही ज्यादा मुसीबत बढ़ेगी।

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यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर आउटर स्पेस अफेयर्स की निदेशक आरती होला-मैनी के मुताबिक, अंतरिक्ष में हमारी पृथ्वी के इर्द-गिर्द घूम रहे सैटेलाइट्स और जमा हुआ अंतरिक्ष का कचरा अगर साफ नहीं हुआ तो हमें इसके बुरे परिणाम देखने को मिलेंगे। भविष्य में ये सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष में जमा ये कचरा आपस में टकराएगा, जोकि एक काफी चिंता का विषय है। उन्होंने ये भी बताया कि अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स और ये कचरा जब आपस में टकराएगा तो इसके अवशेष धरती पर गिरेंगे। वहीं स्पेस मिशन के लिए भी इस बेल्ट को पार करना होगा। इस कारण स्पेसक्राफ्ट और मानवीय मिशन पर भी खतरा मंडरा रहा है। अभी समय है दुनिया के सभी सक्षम देशों को इस गंभीर समस्या के बारे में सोचना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कोई बड़ी मुसीबत आ सकती है।

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