(प्रदीप कुमार): आज जिम्बाब्वे नेशनल असेंबली के अध्यक्ष महामहिम एडवोकेट जैकब मुडेंडा के नेतृत्व में एक जिम्बाब्वे संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। इस अवसर पर बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि भारत और जिम्बाब्वे के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं। दोनों देशों के बीच नियमित रूप से उच्च स्तरीय दौरे होते रहे हैं और जिम्बाब्वे के साथ भारत के आर्थिक संबंधों में प्रगति हो रही है। जिम्बाब्वे का भरोसेमंद साझेदार होने पर भारत को गर्व है। स्पीकर बिरला ने कहा कि यह मजबूत नींव हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है जिनका विस्तार राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार और निवेश के साथ सांस्कृतिक, दूतावास स्तरीय और विकासात्मक सहयोग जैसे क्षेत्रों में हुआ है।
ओम बिरला ने यह भी कहा कि दोनों देशों की संसदों के बीच परस्पर सकारात्मक और सहयोगपूर्ण संबंध रहे हैं और उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में दोनों संसदों के बीच और अधिक घनिष्ठ संबंध बनेंगे। दोनों लोकतान्त्रिक देशों के बीच परस्पर बहुआयामी सहयोग पर बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि ये सम्बद्ध और विकसित और प्रगाढ़ हों तथा भविष्य में भी हमारी दोनों संसदों के बीच अधिक से अधिक परिचर्चा और संवाद को प्रोत्साहित करना चाहिए।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर आगे बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में भारत जिम्बाब्वे को प्रति वर्ष 200 से अधिक आईटीईसी स्लॉट प्रदान करता है और आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्तियां जिम्बाब्वे के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। जिम्बाब्वे से बड़ी संख्या में छात्र शिक्षा प्राप्त करने भारत आते हैं। भारत जिम्बाब्वे के लिए मेडिकल tourism में भी एक महत्वपूर्ण पार्टनर है। ओम बिरला ने मेडिकल टूरिज्म के साथ नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच पीपल टू पीपल संपर्कों को बढ़ाने के लिए सहयोग के नए क्षेत्रों जैसे पर्यटन, ज़िम्बाब्वे में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन, जैसे क्षेत्रों में काम करने पर स्पीकर बिरला ने जोर दिया।
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भारत की गौरवशाली संसदीय परंपरा पर आगे बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि भारत एक सुदृढ़, जीवंत और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जो इस देश की 1.3 बिलियन आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और उसकी आशाओं और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करता है। भारत की संसद में में एक मजबूत समिति प्रणाली कार्य करती है, जो कि भारत सरकार के विभिन्न विभागों के बजट एवं अन्य महत्वपूर्ण नीतियों तथा योजनाओं की जांच में संसद की सहायता करती है। हमारी संसदीय समितियाँ मिनी संसद के रूप में कार्य करती हैं। इससे पहले दिन में, स्पीकर बिरला ने लोकसभा में जिम्बाब्वे संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।