Ladakh Statehood: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को केंद्र पर अपने वादों को पूरा न कर लद्दाख व जम्मू-कश्मीर दोनों के साथ विश्वासघात करने और राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी कर अविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया।
अब्दुल्ला ने वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका हरिंदर बावेजा की नवीनतम पुस्तक ‘दे विल शूट यू, मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट’ के विमोचन के अवसर पर कहा कि सरकार पहले जम्मू कश्मीर और अब लद्दाख के लिए अपनी रूपरेखा पर अमल करने में विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लद्दाख को ‘असंभव’ आश्वासन देकर गुमराह किया गया। Ladakh Statehood
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अब्दुल्ला ने बताया, “जब आप चाहते थे कि वे (लद्दाख) हिल काउंसिल चुनावों में हिस्सा लें, तो आपने उन्हें छठी अनुसूची देने का वादा कर दिया। सभी जानते थे कि लद्दाख को छठी अनुसूची देना लगभग असंभव था। एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्तान से सीमा साझा करने वाले इस क्षेत्र के लिए भारी सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है, जिसे छठी अनुसूची असंभव बना देती है। फिर भी, आपने चुनावी भागीदारी दिलाने के वादे किए।” Ladakh Statehood
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री अब्दुल्ला (55) ने लद्दाखी नेताओं, खासकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के प्रति रुख में अचानक आए बदलाव की भी आलोचना की। Ladakh Statehood
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उन्होंने कहा, “एक सज्जन (वांगचुक), जो कल तक प्रधानमंत्री की पर्यावरण योद्धा के रूप में प्रशंसा कर रहे थे और 2019 में लद्दाखियों के सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें (मोदी को) केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद दे रहे थे… तब किसी ने उनमें कोई दोष नहीं पाया। आज, अचानक हमें एक पाकिस्तानी कनेक्शन मिल गया। दो दिन पहले, ऐसा कुछ नहीं था। कहां से आया यह?” Ladakh Statehood
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर केंद्र सरकार पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। Ladakh Statehood
