चंडीगढ़(अनिल कुमार): हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि शुगर मिलों में लगाए जाने वाले एथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्यो में तेजी लाई जाए ताकि इनके चलने से किसानों को ज्यादा लाभ मिल सके। इसके अलावा, किसान गन्ने की नई किस्म 15023 की अधिक से अधिक पैदावार करें। इस किस्म पर किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने चंडीगढ़ में गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सहकारिता मंत्री बनवारी लाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा भी मौजूद रहे।कृषि मंत्री ने कहा कि शाहबाद शुगर मिल में 60 केएलपीडी क्षमता का एथेनॉल प्लांट स्थापित किया जा चुका है और पानीपत शुगर मिल में 90 केएलपीडी क्षमता का एथेनॉल प्लांट शीघ्र ही लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त रोहतक, करनाल, सोनीपत, जीन्द, कैथल, महम, गोहाना व पलवल शुगर मिलों में एथेनॉल प्लांट लगाने के प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं । Haryana mai ganne ki kimat,
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में किसानों को सबसे ज्यादा गन्ने का भाव देने वाला हरियाणा प्रदेश है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसान हितेषी हैं और सदैव किसानों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही गन्ने के भाव तय किए जाएंगे। किसानों के गन्ने की बकाया राशि का शतप्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। केवल एक शुगर मिल का शेष है, उस शुगर मिल के किसानों की बकाया राशि का भुगतान भी जल्द ही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए गन्ने की नई किस्म 15023 तैयार की गई है। इस किस्म को केन्द्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार को भी जल्द ही इस किस्म के सत्यापन करने के निर्देश दिए गए है। इस किस्म का ज्यादा से ज्यादा बीज तैयार किया जायेगा ताकि किसान इसका अधिक उत्पादन कर ज्यादा लाभ उठा सकें। इस किस्म को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि गत वर्ष इस नई किस्म की बिजाई करने वाले किसानों को भी सत्यापन करके वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
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कृषि मंत्री ने कहा कि सहकारी शुगर मिलों एवं प्राईवेट शुगर मिलों के उत्पादन में जो अंतर है, इसे दूर करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर शुगल मिलों की जवाबदेही तय की जाएगी। इस वर्ष शुगर मिलों का पिराई सत्र पिछले सत्र से पहले शुरू किया जाएगा ताकि किसान आगामी फसल की बिजाई आसानी से कर सकें।
बैठक में गन्ने की नई किस्मों को तैयार करने के लिए गन्ना प्रजनन संस्थान करनाल को 50 एकड़ भूमि देने के लिए भूमि का चयन करने के भी निर्देश दिए ताकि प्रदेश के किसानों को नई-नई किस्मों के बीज उपलब्ध करवाए जा सकें। इसके अलावा पुरानी गुड़-खाण्डसारी ईकाईयों के लाईसेंस नवीनीकरण करने और नई ईकाईयों को लाईसेंस जारी करने का निर्णय लिया गया। गत वर्ष 168 गुड़ तथा 2 खाण्डसारी ईकाईयों को लाईसेंस जारी किए गए थे।
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