उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुलिस ने एक ट्रॉली बैग में महिला की लाश मिलने की सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया है। इस वारदात के खुलासे में पुलिस की सबसे बड़ी मदद बिजली के एक बिल और जींस ने की है।
आपको बता दें, महिला की हत्या मामले में पुलिस के लिए इस केस की गुत्थी काफी उलझ गई थी। फिर पुलिस को उस ट्रॉली बैग में एक बिजली का बिल और जींस मिली, जिसमें महिला की लाश थी। इसी ट्रॉली बैग में युवती का शव रखकर फेंका गया था। जिसके बाद तार से तार जोड़ते हुए पुलिस आरोपी पति तक पहुंच गई। वहीं आरोपी पति पुलिस से बचने के लिए नेपाल भागने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस की तेजी ने उसकी मंशा पर पानी फेर दिया। एसपी ने इस मामले का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।
दरअसल, बीते दिनों लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर कोतवाली नगर क्षेत्र में सफेदाबाद स्थित केवाड़ी मोड़ के पास एक ट्रॉली बैग में छह टुकड़ों में एक महिला का शव मिला था। जिसकी शिनाख्त मुंबई के अंबेडकरनगर टाटा वसहत मार्ग के भारतनगर निवासी बादशाह शेख की पुत्री मालन बादशाह शेख उर्फ आयशा के रूप में हुई थी। जिसे लखनऊ के इंदिरानगर में हत्या के बाद उसके पति ने छह टुकड़ों में काटा था। आरोपी को सर्विलांस के जरिए ट्रैस कर लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र के मुंशी पुलिया से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया।
आयशा की हत्या पांच जुलाई को आपसी विवाद में हुई थी। लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र में सेक्टर 14 में रह रहे उसके पति समीर खान ने लोहे की रॉड से उसकी हत्या की थी। समीर बलरामपुर के महराजगंज थाना क्षेत्र के गुलरिहा का रहने वाला है। समीर मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में एक चिकन शॉप में काम करता था और लॉकडाउन के दौरान मार्च में ही लखनऊ लौटा था। आयशा की मौत के बाद समीर बाजार से चापड़ और शव को पैक करने के लिए अन्य सामग्री खरीदकर लाया था और हत्या की रात ही शव को छह टुकड़ों में काटकर ट्रॉली बैग में भरकर कार से ले जाकर फेंक दिया था।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि जिस ट्रॉली बैग में महिला का शव मिला था, उसमें पुलिस को दो अहम सुराग भी मिले। पहला सुरागा था, बैग में रखी आरोपी की जींस, जिसमें लखनऊ के पार्क के दो टिकट थे। वहीं दूसरा अहम सुराग था बैग की चेन में रखा बिजली का बिल। यह बिल इतना पुराना था कि उसमें कुछ ही नंबर दिख रहे थे। इससे पुलिस को हत्या की गुत्थी सुलझाने में काफी मदद मिली और मुख्य आरोपी तक पहुंच पाई।