राजधानी दिल्ली में सियासत चरम पर पहुंच चुकी है और पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। इसी कड़ी में भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने PC कर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और आम आदमी पार्टी को किसान विरोधी बताया,रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा वीरवार के दिन बबाना के पास खड़ी गेंहू की फसल में आग लग गई थी, दमकल विभाग को भी इसकी सूचना दी गई लेकिन दमकल विभाग ने कोई सहायता नहीं की और पूरी फसल बर्बाद हो गई। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री से अपील की गई थी,की वो घटनास्थल पर जाकर किसानों से बात करें और मुआवजे का ऐलान करें लेकिन अभी तक किसानों को कोई सहायता नहीं दी गई है जबकि 300 एकड़ जमीन में जो फसल थी वो पूरी तरह खराब हो चुकी है।
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रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा ना ही मुख्यमंत्री और ना ही दिल्ली सरकार की ओर से कोई अधिकारी किसानों से मुलाकात करने पहुंचा है ये बहुत अफसोस की बात है,वही दिल्ली देहात के 128 गाँव मे बरसात का पानी भरने के बाद भी दिल्ली सरकार की ओर से किसानों को कोई मदद नहीं की गई है। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा पीडब्ल्यूडी के नालों की सफाई ना होने की वजह से भी किसान परेशान हैं लेकिन सरकार का उस और भी ध्यान नही है। एक बड़ा आरोप लगाते हुए रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा 50 दिनों तक मुख्यमंत्री के घर के बाहर दिल्ली देहात के किसानों ने धरना दिया,उसके बाद भी महज 10 प्रतिशत किसानो को ही आर्थिक सहायता मिली है जबकि 90% किसानों को कोई मदद नहीं दी गई। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा दिल्ली एकमात्र एक ऐसा राज्य है जहां किसानों को कृषि यंत्रो, खाद, बिजली पर सरकार कोई सब्सिडी नही देती बाकी सभी राज्य सरकार सब्सिडी देती हैं। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार 1 सप्ताह के भीतर किसानों को मुआवजा दे वरना विरोध प्रदर्शन तेज होगा।
वही दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा किसानों को सस्ती बिजली देने की बात सरकार ने कही थी, लेकिन कमर्शियल दाम में बिजली मिल रही है। दिल्ली सरकार खेतों में ट्यूवेल लगाने की अनुमति नही देती,और ना ही बिजली का कनेक्शन मिलता है, तो यह कैसी मदद सरकार किसानों को दे रही है। विनोद सहरावत ने कहा दिल्ली सरकार जिनकी फसल जली है उनको 1 लाख रुपए एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे वही जिनकी फसल बरसात के पानी से बर्बाद हो गई है उन्हें भी 50 हजार रुपये एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए वरना हम आंदोलन को तेज करेंगे।