लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने कहा है कि मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’

(प्रदीप कुमार): मोदी सरनेम को लेकर आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत कोर्ट में दो साल की सजा के फैसले के बाद आज राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गयी है। इस फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा है कि मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। ‘मोदी सरनेम’ मामले में टिप्पणी को लेकर सूरत कोर्ट की ओर से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में जानकारी दी गई है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता 23 मार्च 2023 से रद्द की गई है। इससे पहले गुरुवार को ही सूरत की डिस्ट्रक्ट कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराया था।

राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।

इधर, संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए गए राहुल गांधी ने फैसले के करीब 3 घंटे बाद ट्विट कर लिखा कि, ‘मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’ राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्यों से उसे अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब आगे की कार्यवाई महत्वपूर्ण हो गई है। लीगल एक्सपर्ट के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। इलेक्शन कमीशन अब इस सीट पर इलेक्शन का ऐलान कर सकता है। दिल्ली में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने को भी कहा जा सकता है।

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अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊपरी अदालतें भी बरकरार रखती हैं तो राहुल गांधी अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे। राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।

अब राहुल गांधी की टीम अब सूरत कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करने जा रही है। अगर सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को वहां स्वीकार नहीं किया जाता है तो सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल को अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है।

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