इजरायल के साथ युद्ध विराम समझौते के बाद भारत में फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी अबेद एलराज़ेग अबू जाजेर ने कहा कि भारत फिलिस्तीनियों, खासतौर से गाजा में रहने वालों को मानवीय सहायता प्रदान करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास में अहम भूमिका निभाएगा।
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अबेद एलराज़ेग अबू जाज़र ने कहा, “468 दिनों तक नागरिक हत्याओं और 46,000 से ज़्यादा मौतों के बाद मध्यस्थ इज़रायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौते पर काम कर रहे हैं। आज, उन्हें युद्ध विराम समझौते के पहले चरण को लागू करना है। हमें उम्मीद है कि इज़रायली पक्ष समझौते को लागू करेगा और हत्याओं को रोकेगा। वे (इज़रायल) युद्ध को रोकने के किसी भी इरादे के बिना फिलिस्तीनियों के खिलाफ़ भारी बल का इस्तेमाल करते हैं।” उन्होंने भारत और फिलिस्तीन के बीच ऐतिहासिक संबंधों बात करते हुए उसे भारत के राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई और व्यक्तिगत समर्थन गाजा की शांति बहाली में महत्वपूर्ण योगदान देगा और कहा कि, “इससे हमें चिकित्सा सहायता में मदद मिलेगी और गाजा के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जहां युद्ध में हजारों घर, अस्पताल और स्कूल बर्बाद हो गए हैं।”
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अबू जाज़र ने संघर्ष विराम समझौते के पहले चरण को लागू करने की दिशा में मध्यस्थों के काम को लेकर आशावादी उम्मीद जाहिर की। इस बीच, रविवार को इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू हो गया। इस घटनाक्रम ने आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए कई बंधकों की रिहाई और 15 महीने से चल रहे क्रूर संघर्ष के अंत की संभावना को बढ़ा दिया है। हालांकि, हमास की ओर से संघर्ष विराम की स्थिति आखिरी मिनट में उजागर की गईं, जिसने संघर्ष विराम की शुरुआत को लगभग तीन घंटे पीछे धकेल दिया।
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