सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर से माधवी पुरी बुच पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने खुलासा किया कि सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों से 2.95 करोड़ रुपये लिए। बुच के पति ने भी महिंद्रा एंड महिंद्रा से व्यक्तिगत क्षमता में आय के रूप में 4.78 करोड़ रूपये लिए। खेड़ा ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जमकर घेरा और पूछा कि कौन सी मिलीभगत चल रही है।
Read Also: हरियाणा में कांग्रेस-AAP के गठबंधन की अटकलों का दौर खत्म, टिकटों का ऐलान जारी
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेडा ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एक कंपनी अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आया था, जो कि सात मई 2013 को पंजीकृत हुई थी। यह कंपनी माधबी पुरी बुच और उनके पति की है, लेकिन माधबी बुच ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खंडन किया था। उस खंडन में उन्होंने लिखा कि उनकी सेबी में नियुक्ति के बाद से यह कंपनी निष्क्रिय है। लेकिन इस कंपनी में अभी भी 99 प्रतिशत हिस्सेदारी माधबी बुच की है और यह कंपनी आज भी सक्रिय रूप से परामर्श एवं सलाहकार सेवाएं प्रदान कर रही है। खेडा ने कहा, यह जानबूझकर झूठ बोलने का मामला है। यह भ्रष्टाचार से कहीं आगे की बात है, यह आपराधिक साजिश है।
खेडा ने कहा, कांग्रेस ने सवाल किया था कि अगोरा से किन-किन कंपनियों ने सेवाएं लीं। जिन कंपनियों ने अगोरा की सेवाएं लीं, क्या वो सेबी की जांच के दायरे में हैं। इसका जवाब मिला कि माधबी बुच ने सेबी के अपने कार्यकाल में रहते हुए अगोरा के माध्यम से दो करोड़ 95 लाख रुपये कमाए। जिन कंपनियों से ये पैसा कमाया गया, उनमें से कुछ महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, डॉ रेड्डीज, पिडिलाइट, आईसीआईसीआई, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड हैं। यह सभी कंपनियां सेबी द्वारा विनियमित हैं।
पवन खेडा ने कहा कि नौकरी करने के दौरान कुछ नियम होते हैं, लेकिन माधबी बुच ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया। माधबी बुच ने अगोरा के जरिए दो करोड़ 95 लाख रुपये कमाए। इसमें सबसे ज्यादा 88 प्रतिशत पैसा महिंद्रा एंड महिंद्रा से आया। वहीं, माधबी बुच के पति धवल बुच को साल 2019-21 के बीच में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी से चार करोड़ 78 लाख रुपये मिले। उस समय माधबी बुच सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इस दौरान सेबी ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के पक्ष में कई फैसले भी लिए थे।
पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए कहा, क्या प्रधानमंत्री को पता था कि अगोरा में माधबी बुच की 99 प्रतिशत शेयर होल्डिंग है। जब प्रधानमंत्री ने माधबी बुच को सेबी चेयरपर्सन बनाया, तो क्या उन्हें किसी एजेंसी ने रिपोर्ट नहीं दी थी। क्या प्रधानमंत्री को जांच एजेंसियों ने नहीं बताया था कि अगोरा के आर्थिक-व्यावसायिक रिश्ते उन कंपनियों से हैं, जिनकी जांच सेबी कर रही है। क्या प्रधानमंत्री के सामने किसी ने भी माधबी बुच के खिलाफ सबूत नहीं रखे थे कि इन्हें दूसरे कंपनियों से इतने पैसे क्यों मिल रहे हैं। अगर ये सबूत सामने रखे गए थे, तो फिर कौन सी मिलीभगत जारी है। आखिर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है और क्यों किसी को बचाया जा रहा है।