(प्रणय शर्मा): निगम चुनाव के परिणाम आए 2 महीने से ऊपर हो चुके हैं। लेकिन मेयर अभी तक नहीं चुना गया है। 22 फरवरी को एक बार फिर से मेयर चुनाव होना है। बीजेपी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। हालांकि उनका कहना है कि बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है इसलिए बिना हंगामे के आप पार्षदों को सदन में चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए।
दिल्ली नगर निगम की 3 बैठक को मैं मेयर चुनाव संपन्न नहीं हो सका है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार यानी कि 22 फरवरी को एक बार फिर मेयर चुनाव के लिए बैठक होने जा रही है। जिसमें यह उम्मीद है कि दिल्ली को अपना नया मेयर मिल सकता है। हालांकि पिछली बैठकों में हंगामे के चलते मेयर चुनाव सफल नहीं हो सका है जिसके बाद 22 फरवरी को यह बैठक बुलाई गई है। जिसमें की मेयर चुनाव होगा और इसमें यह उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली वासियों को नया मेयर मिल जाएगा। बीजेपी एक बार फिर रणनीति बना रही है कि आखिर इस बैठक में वह क्या कदम उठा सकती है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बहुत ज्यादा कुछ करने के लिए बीजेपी के पास बचा नहीं है। बीजेपी के पूर्व मेयर जयप्रकाश ने कहा कि बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है ऐसे में अब मेयर की प्रक्रिया को शांति पूर्वक निभाते हुए चुनाव कराना चाहिए। हालांकि रणनीति के सवाल को टालते हुए जयप्रकाश ने कहा कि बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में है उनके पास बहुमत नहीं है वह विपक्ष में रहते हुए मजबूती के साथ जनता के मुद्दों को उठाएगी।
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जयप्रकाश ने एक बार फिर से हंगामे का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के तौर तरीके की वजह से ही 3 बार का सदन स्थगित हुआ है उन्होंने कहा कि अब हंगामे का कोई भी मुद्दा बचा नहीं है। ऐसे में बेहतर यही होगा कि सभी राजनीतिक दल शांतिपूर्वक जल्द से जल्द मेयर चुनाव की प्रक्रिया को निभाएं, क्योंकि मेयर चुनाव के बाद ही डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का भी चुनाव होगा। जयप्रकाश ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है। आम आदमी पार्टी के पास बहुमत मौजूद है। लेकिन बीजेपी नहीं चाहती कि वह उन्हें वॉक ओवर दे यही वजह है कि पार्टी ने अपना उम्मीदवार भी मैदान में उतारा है।
दिल्ली नगर निगम में बीजेपी 104 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं दूसरी तरफ एक निर्दलीय पार्षद ने भी बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान पहले ही कर दिया है ऐसे में यह संख्या 105 तक पहुंचती है, बीजेपी के साथ लोकसभा सांसद भी इस चुनाव में वोट डालेंगे मेयर के लिए 134 मतों की आवश्यकता है जो बीजेपी के लिए काफी दूर की कौड़ी है बीजेपी की पूरी ताकत स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों को जिताने में लगेगी।