( प्रदीप कुमार )- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडोनेशिया में आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक में हिस्सा लिया है। रक्षामंत्री ने क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए आसियान और प्लस देशों के बीच सक्रिय सहयोग का आह्वान किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज जकार्ता, इंडोनेशिया में 10वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक – प्लस (एडीएमएम-प्लस) में भाग लिया। अपने संबोधन में रक्षामंत्री ने आसियान केंद्रीयता की पुष्टि की और क्षेत्र में संवाद एवं आम सहमति को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका की सराहना की। रक्षामंत्री ने समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) 1982 सहित अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नौवहन, उड़ान भरने और बेरोकटोक वैध वाणिज्य की स्वतंत्रता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय सुरक्षा पहलुओं का आह्वान किया जो विभिन्न हितधारकों के बीच व्यापक सहमति को प्रतिबिंबित करने के लिए परामर्शी और विकास-उन्मुख हों। उन्होंने क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए एडीएमएम-प्लस के साथ व्यावहारिक, अग्रगामी और परिणाम-उन्मुख सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि युद्ध से मानव जीवन और आजीविका का भयानक नुकसान होता है, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थिरता भंग होती है और खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। श्री राजनाथ सिंह ने शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आसियान और प्लस देशों के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने शांति पर महात्मा गांधी के प्रसिद्ध कथन “शांति का कोई रास्ता नहीं है, शांति ही एकमात्र तरीका है” का हवाला दिया।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थायी शांति और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बातचीत और कूटनीति की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने विश्व के लिए भारत के संदेश “यह युद्ध का युग नहीं है” को दोहराया, और “हम बनाम वे” मानसिकता को छोड़ने की अनिवार्यता के बारे में बात की।
राजनाथ सिंह ने भारत-आसियान गतिविधियों जैसे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं के लिए पहल और समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए पहल में आसियान देशों की उत्साहयुक्त भागीदारी की सराहना की। रक्षा मंत्री ने इस साल मई में आयोजित पहले आसियान-भारत समुद्री अभ्यास में आसियान देशों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की। इस के साथ-साथ मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) गतिविधियों पर विशेषज्ञ कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) में आसियान की सक्रिय भागीदारी की भी सराहना की, जिसमें भारत और इंडोनेशिया वर्तमान 2020-2023 चक्र में सह-अध्यक्ष हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद आसियान क्षेत्र सहित अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है, भारत ने आतंकवाद विरोधी ईडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्षता करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को एडीएमएम-प्लस द्वारा समर्थन किया गया था क्योंकि आसियान क्षेत्र के देशों के लिए आतंकवाद गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।