लोक सभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की अन्य उपलब्धियों के संबंध में चर्चा हुई

(प्रदीप कुमार )-लोक सभा में आज चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की अन्य उपलब्धियों को लेकर चर्चा हुई। इस अवसर पर सत्र की अध्यक्षता करते हुए लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की इस शानदार उपलब्धि पर देशवासियों को बधाई दी। श्री बिरला ने कहा कि इन उपलब्धियों से प्रत्येक भारतीय गौरवान्वित हुआ है और वैश्विक स्तर पर हमारे देश का कद बढ़ा है।
23 अगस्त, 2023 के ऐतिहासिक दिन का उल्लेख करते हुए बिरला ने इस तथ्य की सराहना की कि उस दिन भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की अथक प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो ब्रह्मांड के सुदूरतम क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयास करते आए हैं । इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत ने चंद्रयान-3 की सफलता को विश्व के वैज्ञानिक समुदाय और पूरी मानवता को समर्पित किया है, श्री बिरला ने यह भी कहा कि प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा से जो अमूल्य जानकारी भेजी है, उससे अंतरिक्ष के बारे में मानव ज्ञान में वृद्धि होगी और भावी खोजों का मार्ग प्रशस्त होगा।

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23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में मनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि यह एक ऐसा दिन होगा जो आने वाली पीढ़ियों को जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के पदचिह्न का नाम ‘तिरंगा प्वाइंट’ और चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिव शक्ति प्वाइंट’ रखने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि ये नाम भारत की सदियों पुरानी विरासत के प्रति सम्मान के साथ ही हमारी  वैज्ञानिक महत्वाकांक्षाओं और प्रयासों के प्रतीक भी हैं ।
ओम बिरला ने कहा कि चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1, सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम होने के साथ ही, भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति और लोगों की प्रतिभा और क्षमता के उदय के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों मिशनों में बड़ी संख्या में महिला वैज्ञानिकों ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, जो नए भारत के निर्माण में महिलाओं के योगदान को दर्शाता है। सभा को यह सूचित करते हुए कि दोनों मिशन पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किए गए हैं, श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि जो बात भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को दूसरों से अलग करती है, वह सभी परियोजनाओं की कम लागत है जिससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमताओं के साथ-साथ भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा का परिचय भी मिलता है।ओम बिरला ने कहा कि इन उपलब्धियों के परिणामस्वरूप, भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में अपनी जगह बना ली है।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के अथक प्रयासों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि प्रधान मंत्री बनने से बहुत पहले से ही प्रधान मंत्री जी की अंतरिक्ष में गहरी रुचि रही है और चंद्रयान मिशन से उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव है। बिरला ने कहा कि कोविड-19 के समय, जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष सहित देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए इस संकट का उपयोग एक अवसर के रूप में किया। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष स्टार्ट-अप की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये उपलब्धियाँ भावी पीढ़ियों को बड़े सपने देखने और उन सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी भारतीय 2047 तक एक विकसित भारत के लिए मिलकर काम करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करेंगे ।
लोक सभा अध्यक्ष ने शांति, सहिष्णुता, करुणा और सहयोग पर आधारित विश्व व्यवस्था के लिए कार्य करने की अपील की।सभा की अध्यक्षता करते हुए ओम बिरला ने कहा कि 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का विषय “शांति के लिए कार्रवाई: वैश्विक लक्ष्यों के लिए हमारी आकांक्षा” है जिसका उद्देश्य सभी देशों में और सभी लोगों के बीच शांति के आदर्शों का स्मरण करना और उन्हें सुदृढ़ बनाना है। ओम बिरला ने सभा से संवाद, संवेदनशीलता, सहिष्णुता और सहयोग की भावना से कार्य करने का आह्वान किया ताकि हम एक शांतिपूर्ण विश्व के सपने को साकार कर सकें।

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