दिल्ली विश्वविद्यालय में आम आदमी पार्टी के शिक्षकों के संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने दिल्ली सरकार से 12 कॉलेजों की सैलरी का फंड जल्द से जल्द जारी करने की अपील की है। हालांकि डीटीए के पदाधिकारियों ने कॉलेज फण्ड में हेराफेरी और गवर्निंग बॉडी के गठन में डीयू की मनमानी पर भी सवाल उठाए।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से फंडेड कॉलेजों के फंड को तुरंत जारी करने की अपील की है। हालांकि एसोसिएशन ने कॉलेज प्रशासन पर फंड में हेराफेरी की आशंका से भी इनकार नहीं किया है। टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछली सरकारों के मुकाबले कॉलेजो को ज्यादा फण्ड दिए इसके बावजूद सैलरी संकट जांच का विषय है। सरकार उसकी जांच कराती रहे पर मौजूदा समय मे शिक्षकों की सैलरी नहीं रोकी जानी चाहिए।
आम आदमी पार्टी के टीचर्स एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि जब पिछली सरकारों के दौरान सरकार से मनोनीत लोगों की नियुक्ति गवर्निग बॉडी में होती थी तो फिर मौजूदा सरकार के मनोनीत सदस्यों को गवर्निंग बॉडी में क्यों नहीं शामिल किया जा रहा है। डीटीए ने इसके पीछे कॉलेज में कई पदों पर नियुक्तियों को वजह बताया है। आप टीचर्स असोसिएशन ने आरोप लगाया कि जब बीजेपी और आरएसएस इन कॉलेज में भी अपने लोगों को बिठाना चाहती है।
दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों में 100 फ़ीसदी जबकि 16 कॉलेजों में 5 फ़ीसदी फंडिंग करती है। सरकार का कहना है कि बीते सालों के मुकाबले फंड में बढ़ोतरी की गई है पर कॉलेज का कहना है कि उनके पास सैलरी देने के लिए पैसे नहीं। शिक्षा मंत्री के बाद अब के बाद अब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के टीचर्स एसोसिएशन को भी आगे किया है पर यह देखना जरूरी होगा कि शिक्षकों को सैलरी कब तक की जाती है है।