कट्टर ईमानदार सरकार की नीतियों स्वरूप राजस्व में व्यापक बढ़ोत्तरी और पंजाबियों को मिलीं और अधिक सहूलतें – मुख्यमंत्री

पंजाब – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि आम आदमी की सरकार के अथक और ईमानदार यत्नों स्वरूप व्यापक स्तर पर राजस्व पैदा हुआ है जिससे पंजाब ’वित्तीय घाटे’ से ’वित्तीय लाभ’ वाले राज्य में तबदील हो गया है। आज यहाँ पंजाब भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें हमेशा ही अपने निजी हित पूरे करने के लिए सोचती थीं जबकि उनकी सरकार ने राज्य के राजस्व में विस्तार करने के लिए सभी चोर- दरवाजे बंद कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत संतोषजनक बात है कि इन यत्नों के सार्थक नतीजे सामने आए हैं क्योंकि राज्य अधिक से अधिक राजस्व पैदा करने के समर्थ हो गया है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य की ईमानदार सरकार ने राजनीतिज्ञों के निजी घरों में फंड जाने की बजाय फंडों का बहाव सरकारी ख़जाने की तरफ मोड़ दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे राज्य सरकार ने तीन महीनों की देरी के साथ आबकारी नीति अमल में लाई थी परन्तु इससे राज्य को 8841 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह राजस्व पिछले वर्ष की अपेक्षा 2587 करोड़ रुपए अधिक है, जोकि लगभग 41.41 प्रतिशत अधिक बनता है। भगवंत मान ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए 9754 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है और अपने निरंतर यत्नों स्वरूप इस लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहली बार राज्य में ज़ीरो टैक्स वाला बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि यह अपनी किस्म की पहली जनहितैषी पहलकदमी है, जो लोगों की भलाई यकीनी बनाऐगी। भगवंत मान ने प्रण करते हुये कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास और यहाँ के लोगों की खुशहाली के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।

एक और अहम प्राप्ति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जी. एस. टी. की वसूली में भारी बढ़ोतरी हुयी है। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब जी. एस. टी. की वसूली में सबसे बुरा प्रदर्शन कर रहा था परन्तु अब 16.6 प्रतिशत के वृद्धि के साथ राज्य जी. एस. टी. कुलैकशन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। भगवंत मान ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 18126 करोड़ रुपए जी. एस. टी. राजस्व एकत्रित हुआ है जबकि उससे पिछले वर्ष 15542 करोड़ रुपए एकत्रित हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अलग नवीन प्रयास करते हुए ज़मीन- जायदाद की रजिस्ट्रेशन के लिए स्टैंप ड्यूटी पर 2.25 प्रतिशत की छूट देने का नया तजुर्बा किया। उन्होंने कहा कि इससे मार्च महीने में राजस्व वसूली में नया रिकार्ड पैदा हुआ है। इसकी मिसाल देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी महीने में 339 करोड़ रुपए का राजस्व पैदा हुआ था जबकि मार्च महीने में यह राजस्व बढ़ कर 658.68 करोड़ रुपए हो गया।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोगों ख़ास कर खेती से जुड़े लोगों के सुझाव पर अब यह छूट 30 अप्रैल तक बड़ा दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण पी. एस. पी. सी. एल. को घाटे वाला संस्थान माना जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस संस्थान को मज़बूत करने के लिए बेमिसाल पहलकदमियां की हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने 20,200 करोड़ रुपए की बकाया सब्सिडी जारी की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सब्सिडी में से 9063.79 करोड़ रुपए कृषि सैक्टर को, 8285.90 करोड़ रुपए घरेलू खपतकारों के लिए सब्सिडी के तौर पर और 2911 करोड़ रुपए औद्योगिक सैक्टर को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पिछली सरकारों से पी. एल. पी. सी. एल. का 9020 करोड़ रुपए का कर्ज़ विरासत में मिला था और राज्य सरकार 1894 करोड़ रुपए की पाँच किश्तों के द्वारा यह कर्ज़ भी मोड़ रही है।

भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 3538 नौजवानों को पावरकॉम में नौकरियाँ दीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के अथक यत्नों स्वरूप राज्य में बिजली उत्पादन में कई गुणा विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि झारखंड कोयला खाने से कोयले की निर्विघ्न सप्लाई शुरू हो चुकी है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब देश में अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनने की तरफ बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार केंद्र से ग्रामीण विकास फंड का बकाया लेने के लिए अदालत में जाने की संभावनाएं तलाश रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आर. डी. एफ. के तहत 30,000 करोड़ रुपए के फंडों को रोक कर राज्य को अनावश्यक परेशान कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि चाहे राज्य सरकार ने फंड हासिल करने के लिए सारी औपचारिक कार्यवाही पूरी कर ली है परन्तु फिर भी केंद्र सरकार ने राज्य के जायज़ फंडों को जानबूझ कर रोक दिया है, जो राज्य के साथ सरासर बेइन्साफ़ी है।

राज्य सरकार की तरफ से जनहितैषी पहलकदमियां गिनाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अब तक राज्य के 28,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियां दीं हैं। उन्होंने कहा कि इस समूची भर्ती प्रक्रिया में चयन का एकमात्र मापदंड केवल मेरिट है और समूची प्रक्रिया पारदर्शी ढंग के साथ यकीनी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब यह नौजवान राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास का अटूट अंग बन गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि सिर्फ़ एक वर्ष में इतनी बड़ी संख्या में नौकरियाँ, नौजवानों की भलाई यकीनी बनाने और उनके लिए रोज़गार के नये रास्ते खोलने के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में मानक सेहत सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य भर में 504 आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित किये हैं और ऐसे 134 और क्लीनिक जल्द ही शुरू किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों में लोगों को विश्व स्तरीय इलाज और जांच की सहूलतें मुफ़्त दी जा रही हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन आम आदमी क्लीनिकों से अब तक 21.21 लाख मरीज़ लाभ उठा चुके हैं और कुछ ही महीनों में लाखों मरीजों के मुफ़्त टैस्ट किये गए हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुये राज्य सरकार ने किसानों को फ़सलों के हुए नुकसान के लिए मुआवज़े में 25 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर नुकसान 75 प्रतिशत से कम होता है तो पहले मिलते 5400 रुपए के मुकाबले अब 6800 रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जायेगा और यदि 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ तो पहले मिलते 12000 रुपए प्रति एकड़ के मुकाबले राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा देगी। भगवंत मान ने कहा कि उनका मकसद किसानों की भलाई हर कीमत पर यकीनी बनाना है। राज्य में विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है और वैसाखी तक मुआवज़ा वितरित कर दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय राज्य में रेत की 50 के करीब सार्वजनिक खदानें चल रही हैं, जिनका लोगों को बड़ा लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस संख्या में विस्तार किया जायेगा क्योंकि राज्य सरकार जल्दी ही राज्य भर में 150 नयी रेत खदानें खोलेगी। भगवंत मान ने बताया कि इन सार्वजनिक रेत खदानों में 5.50 रुपए प्रति घन फुट रेत सप्लाई की जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेनू प्रसाद, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और कुमार अमित सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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