किसान आंदोलन : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 78 वें दिन से जारी है जिस बीच कई वार्ता किसान संगठन आपस में कर चुके हैं ताकि आंदोलन को और तेज किया जा सके ।
ऐसी ही एक वार्ता बीते बुधवार को सिंधु बाॅर्डर पर की गई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए जिसके बाद से एक बार फिर किसान आंदोलन उसी मजबूती के साथ खड़ा होता दिख रहा है ।
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बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिसके अंतर्गत एक सारणी बनाई गई है । गौरतलब है कि कल 12 फरवरी को किसान राजस्थान के सभी टोल प्लाजा को मुक्त करेंगे उसके बाद 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद जवानों की याद में किसान कैंडल मार्च निकालेंगे । इसके साथ ही 18 फरवरी को देशभर में 4 घंटे के लिए रेल रोको अभियान का ऐलान भी किया गया है ।
पीएम मोदी की आंदोलन खत्म करने की अपील को किसानों ने अस्वीकार कर आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है । बता दें 26 जनवरी के बाद से किसानों की छवि व आंदोलन दोंनो बेहद खराब स्थिति में आ गए थे जिस स्थिति को किसान पहले से बेहतर करते हुए अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और इस बार पूरी सावधानी के साथ रणनीति तैयार कर रहे हैं ताकि 26 जनवरी को हुई हिंसा दोबारा ना हो ।