( प्रदीप कुमार )– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुरुग्राम में ‘एनएफटी, एआई और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर G20 सम्मेलन’ का उद्घाटन किया। अमित शाह ने आज हरियाणा के गुरूग्राम में एनएफटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस G20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए साइबर खतरे से निपटने के लिए “एक आम रणनीति तैयार करने” की आवश्यकता पर जोर दिया है।
उद्घाटन सत्र में दिए अपने भाषण में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इंटरपोल की साल 2022 की ग्लोबल ट्रेंड समरी रिपोर्ट के मुताबिक रेनसमवेयर, फिशिंग, ऑफलाइन टेलीकॉम, ऑफलाइन बाल यौन-शोषण और हैकिंग जैसे साइबर क्राइम की कुछ प्रवृत्तियां विश्वभर में गंभीर खतरे की स्थिति पैदा कर रही हैं। ऐसी संभावना है कि भविष्य में ये साइबर क्राइम कई गुना बढ़ जाएगा।
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गृहमंत्री अमित शाह ने आर्थिक और आर्थिक संकट के मद्देनजर साइबर सुरक्षा पर पर्याप्त ध्यान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद, आतंकी वित्तपोषण, कट्टरपंथ, नार्को, नार्को-आतंकवादी लिंक और गलत सूचना सहित नई और उभरती, पारंपरिक और गैर-पारंपरिक चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की क्षमताओं को मजबूत करना बेहद आवश्यक है।
दुनिया भर के देशों के लिए डायनामाइट-से-मेटावर्स और हवाला से क्रिप्टो-करेंसी तक की चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस खतरे के खिलाफ “एक आम रणनीति तैयार करने” की आवश्यकता पर भी जोर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘Crime and Security in the age of Non-Fungible Token, AI and Metaverse’ G20 सम्मेलन में बोलते हुए तेजी से जुड़ी दुनिया में साइबर लचीलापन बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराधी मेटावर्स, डार्कनेट, टूलकिट आधारित भ्रामक सूचना अभियान की मदद लेते हैं। इसके अलावा गृहमंत्री ने कहा कि G20 ने आर्थिक दृष्टिकोण के लिए डिजिटल बदलाव , डेटा प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन अब अपराध और सुरक्षा पहलुओं को समझना अधिक महत्वपूर्ण है।
इस सम्मेलन में G20 सदस्यों के अलावा नौ अतिथि देश और दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन इंटरपोल और यूएनओडीसी के साथ-साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय वक्ता भी भाग ले रहे हैं।